पैथोलॉजी रिपोर्ट आ गयी अब दवा दीजिए, बोले अख्तरूल..दवा नहीं दिया तो मरीज के साथ होगा धोखा..आबादी बढ़ी है आरक्षण का दायरा भी बढ़े

पैथोलॉजी रिपोर्ट आ गयी अब दवा दीजिए, बोले अख्तरूल..दवा नहीं दिया तो मरीज के साथ होगा धोखा..आबादी बढ़ी है आरक्षण का दायरा भी बढ़े

PATNA: 2 अक्टूबर को जातीय गणना की रिपोर्ट जारी करने के अगले दिन आज नीतीश कुमार ने इस मसले पर सीएम सचिवालय में सर्वदलीय बैठक बुलायी। इस बैठक महागठबंधन में शामिल दलों ने सरकार की वाहवाही की लेकिन बीजेपी ने जातिगत आंकड़ों पर आपत्ति जतायी। इस दौरान ओवैसी की पार्टी AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने जातीय गणना रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए। कहा कि रिपोर्ट के जरिए अल्पसंख्यकों को बांटने की कोशिश की गयी है। मुसलमानों को रिपोर्ट में पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग में बांटा गया है। अख्तरूल ईमान ने मुसलमानों के लिए आरक्षण का दायरा बढ़ाने की मांग की है। कहा है कि पैथलॉजी की रिपोर्ट आ गयी है अब दवा की जरूरत है। यदि समय पर मरीज को दवा नहीं दिया गया तो यह उसके साथ धोखा होगा।


अख्तरूल ईमान ने कहा कि ये सिर्फ रिपोर्ट है अभी बहुत कुछ काम करना बाकी है। हमने अपनी पार्टी की ओर से पक्ष रखा है। सर्वदलीय बैठक में हमने कहा है कि पिछड़ों,एसटी-एससी की आबादी बढ़ी है ऐसे में अब रिजर्वेशन का भी आकार भी बढ़ना चाहिए। जो पिछड़ी और अतिपिछड़ी जातियां है उसमें बहुत सारे लोग पिछड़े रह जाते है। 18 प्रतिशत अल्पसंख्यक 13 प्रतिशत लोग ओबीसी में आते हैं लेकिन उनकों पांच प्रतिशत भी भागीदारी नहीं मिल पाती है। इसलिए केरल और तमिलनाडू के तौर पर यहा काम हो। 


उन्होंने कहा कि जातीय गणना बिहार में कराने का मकसद यह था कि नीचे पायदान पर बैठे व्यक्ति के साथ इंसाफ हो सके। इसलिए हमने रिजर्वेशन बढ़ाने की बात बैठक में रखी है। अख्तरूल इमान ने कहा कि सभी ने हमें चोट दिया है किसी ने हमारे साथ भला नहीं किया है। सच्चर कमिटी और रंगनाथ की रिपोर्ट कांग्रेस ने लाई लेकिन सिर्फ धोखा के सिवाय कुछ भी नहीं किया। इस बार भी ऐसा ना हो कि यह आंकड़े तक ही सीमित रह जाए। जातीय गणना कराने में बिहार सरकार की राशि खर्च हुई है। जो तबका पीछे रह गया है उसे इसका फायदा मिलना चाहिए। उसे उसका हिस्सा मिलना चाहिए। एससी-एसटी, ओबीसी की आबादी बढ़ी है ऐसे में रिजर्वेशन का आकार भी बढ़ना चाहिए।


अख्तरूल ने यह भी कहा कि जो भी सर्वे होता है वो 100 प्रतिशत सही नहीं होता। लेकिन साइंटिफिक तौर पर जो आंकड़े आ गई है उसके मुताबिक पिछड़ों की आबादी 63 प्रतिशत अब हो गयी है। इसलिए अब उनके रिजर्वेशन का आकार भी बढ़ना चाहिए। बता दें कि रिजर्वेशन के बावजूद एससी-एसटी की सीट नौकरियों में खाली रह जाती है। उनका आर्थिक और सामाजिक उत्थान नहीं हो पाता है। सीएम ने यकीन दिलाया कि आने वाले दिनों में इस पर बातचीत की जाएगी। अख्तरुल ने कहा कि पैथोलॉजी की रिपोर्ट आ गयी है अब दवा दीजिए। यदि दवा नहीं दिया तो मरीज के साथ धोखा होगा। आबादी बढ़ी है तो रिजर्वेशन का आकार भी बढना चाहिए। गरीब और दलितों के हक की बात हमने सर्वदलीय बैठक में की है।