SARAN : बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर कहीं भी शराब पीना या इससे जुड़ा किसी भी तरह का कोई भी कारोबार करना गैरकानूनी माना गया है। इसको लेकर कठोर सजा का प्रावधान भी है। इतना ही नहीं इसकी जांच को लेकर पुलिस प्रसाशन को स्पेशल ट्रेनिंग भी दी जाती है। लेकिन, अब इस कानून के रक्षक ही इसका माखौल उड़ा रहे हैं।
दरअसल, छपरा में दो पुलिसकर्मियों पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा है। इनके ऊपर आरोप लगा है वो पीड़ितों से केस में मदद के नाम पर उगाही करने की कोशिश कर रहे थे। खास बात ये है कि इनमें से एक मामला दारू-मुर्गा के डिमांड से भी जुड़ा है, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है। डेरनी थाना के अनुसंधानकर्ता पुलिस अवर निरीक्षक छतीश प्रसाद सिंह के विरूद्ध एक ऑडियो क्लीप तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें ये एक कांड के अभियुक्त को लाभ पहुचाने के उद्देश्य से किसी व्यक्ति से शराब और चिकेन व अन्य लाभ की मांग कर रहे हैं। जिसका ऑडियो क्लिप एसपी के पहुंचा तो जांच का निर्देश जारी किया गया।
वहीं, ऑडियो क्लिप की प्रारंभिक जांच के उपरांत आरोप प्रथम दृष्टया सत्य प्रतीत हुआ। जिसके बाद एसपी ने इस पुलिसकर्मी कोतत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी भी दर्ज करा दी गई। एसपी ने कहा कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी किसी आम जनता को परेशान करें या पैसे मांगे तो उसके खिलाफ साक्ष्य प्रस्तुत करने पर पुलिस कार्रवाई करेगी।
उधर, दूसरे मामले में भगवानबाजार थाना के अनुसंधानकर्ता सहायक अवर निरीक्षक ऋषिमुनी राम एक कांड में एक व्यक्ति का नाम निकालने हेतु उस व्यक्ति से 25,000 रूपये की मांग कर रहे थे। जिसका इसका ऑडियो क्लीप तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बाद अब मामला एसपी के पास पहुंचा तो उन्होंने इस मामले में एक्शन लिया है।