DESK: उच्चतम न्यायलय ने OROP के मामले में बड़ा फैसला दिया. SC ने सोमवार को पूर्व सैन्य कर्मियों को बकाये का भुगतान करने के संबंध में केंद्र द्वारा सीलबंद लिफाफे में दिए गए जवाब को स्वीकार करने से इनकार कर दिया.
इस मामले में प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा, हमें उच्चतम न्यायालय में सीलबंद लिफाफे में जवाब दिए जाने के चलन पर रोक लगाने की जरूरत है, यह मूल रूप से निष्पक्ष न्याय दिए जाने की बुनियादी प्रक्रिया के विपरीत है. प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा, 'मैं व्यक्तिगत रूप से सीलबंद लिफाफे में जवाब दिए जाने के खिलाफ हूं. अदालत में पारदर्शिता होनी चाहिए...यह आदेशों को अमल में लाने को लेकर है. इसमें गोपनीय क्या हो सकता है.'
SC ने OROP बकाये के भुगतान को लेकर इंडियन एक्स-सर्विसमैन मूवमेंट की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. उच्चतम न्यायालय ने ओआरओपी के बकाये का चार किश्तों में भुगतान करने का 'एकतरफा' फैसला करने के लिए 13 मार्च को सरकार की खिंचाई की थी.
सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने वन रैंक वन पेंशन के तहत पूर्व सैन्य कर्मियों को बकाये का भुगतान करने के संबंध में केंद्र द्वारा सीलबंद लिफाफे में दिए गए जवाब को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा, 'हमें उच्चतम न्यायालय में सीलबंद लिफाफे में जवाब दिए जाने के चलन पर रोक लगाने की जरूरत है, यह मूल रूप से निष्पक्ष न्याय दिए जाने की बुनियादी प्रक्रिया के विपरीत है.'
आपको बता दें, केंद्र सरकार को SC से OROP नीति के तहत पेंशन भुगतान का मामले में बड़ी राहत मिली है. राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बकाया भुगतान पर समय सीमा अब बदल दी है. कोर्ट ने 30 अप्रैल 2023 तक 6 लाख परिवार पेंशनर और गेलेंटरी अवार्ड वाले पेंशनरों को एकमुश्त पेंशन देने के आदेश दिए हैं. और इसके साथ ही 70 साल से ऊपर पेंशनर्स को 30 जून तक पेंशन देने के लिए कहा है. SC ने शेष पेंशनभोगियों की बकाया राशि का भुगतान 30 अगस्त 2023, 30 नवंबर 2023 और 28 फरवरी 2024 को या उससे पहले समान किश्तों में करने के आदेश दिए हैं.