BEGUSARAI : नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) ने बिहार वासियों को होली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। एनटीपीसी बरौनी से पहली बार यूनिट संख्या आठ से 250 मेगावाट बिजली का व्यवसायिक उत्पादन शुरू हो गया। एनटीपीसी के क्षेत्रीय निदेशक एस नरेन्द्र ने एनटीपीसी बरौनी में अधिकारियों के साथ गहन समीक्षा और निरीक्षण के बाद व्यवसायिक उत्पादन की घोषणा की है।
यह जानकारी मंगलवार को एनटीपीसी बरौनी के महाप्रबंधक मुनीष जौहरी ने दी। उन्होंने बताया कि यूनिट नंबर आठ का नवंबर में ट्रायल ऑपरेशन के बाद व्यवसायिक उत्पादन करने की प्रक्रिया शुरू की गई और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण से अनुमति मिलते ही यहां से पहली बार व्यवसायिक उत्पादन शुरू हो गया है। यह बिजली बिहार सरकार को दी जाएगी। यूनिट नंबर छह एवं सात का भी ट्रायल ऑपरेशन सक्सेस हो चुका है और जल्द ही इस दोनों यूनिट से भी व्यवसायिक उत्पादन शुरू हो जाएगा। यूनिट आठ (250 मेगावाट) की री-कमीशनिंग गतिविधियां पूरी कर 12 अगस्त को पहली बार सिंक्रनाइज किया गया था। वहीं, यूनिट छह आर एंड एम के शेष कार्यों को पूरा कर 14 दिसम्बर को तीन हजार आरपीएम पर ले जाकर सिन्क्रोन्नाइज किया जा चुका है। यूनिट नौ (250 मेगावाट) के री-कमीशनिंग की प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है।
व्यवसायिक उत्पादन शुरू होते ही एनटीपीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों में खुशी की लहर फैल गई है तथा सबों ने एक दूसरे को इसके लिए बधाई दिया है। महाप्रबंधक ने बताया कि बरौनी थर्मल पावर इकाई वर्षों से बंद थी और एक बंद इकाई को पुनर्जीवित कर उसे विस्तारित करना एक चुनौतीपूर्ण काम था। लेकिन दिसम्बर 2018 में अधिग्रहण किए जाने के बाद एनटीपीसी ने चुनौती को स्वीकार करते हुये एक वर्षों में 110 मेगावाट की दोनों इकाई का परिचालन किया तथा 250 मेगावाट के एक यूनिट से उत्पादन शुरू किया गया है। बरौनी परियोजना द्रुतगति से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। कुछ ही वर्षों में बरौनी थर्मल प्लांट एनटीपीसी के प्रतिष्ठित प्लांट के रूप से विकसित होगा।
बता दें कि बरौनी थर्मल से पहले सात यूनिट से एक-एक सौ मेगावाट बिजली उत्पादित होता था। लेकिन सही मेंटनेंस नहीं होने के कारण 2005 में यूनिट पूरी तरह बंद हो गया। जिसके बाद सरकार ने पुरानी यूनिट का क्षमता विस्तार कर 110 मेगावाट करने के साथ ही बगल में एक्सटेंशन प्रोजेक्ट बनाकर 250 मेगावाट की दो नई इकाई बनाने का भी निर्णय लिया गया। भेल द्वारा नई इकाई का निर्माण कार्य चल ही रहा था, इसी बीच बिहार सरकार ने दिसम्बर 2018 में इसे हस्तांतरित कर एनटीपीसी को सौंप दिया। जिसके बाद एनटीपीसी ने युद्धस्तर पर काम कर विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया है।