नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की मान्यता पर खतरा, तय मानकों के मुताबिक अबतक नहीं मिली जमीन

नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की मान्यता पर खतरा, तय मानकों के मुताबिक अबतक नहीं मिली जमीन

PATNA : प्रदेश के नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाले छात्रों की तादाद लाखों में है. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी राज्य का इकलौता ऐसा विश्वविद्यालय है, जिससे एजुकेशन के जरिए सवा लाख से ज्यादा छात्र -छात्रा इनरोल्ड है. लेकिन अब इससे यूनिवर्सिटी की मान्यता पर ही संकट खड़ा हो गया है.


दरअसल जब नालंदा खुला विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी. उस वक्त यह तय हुआ था कि नालंदा जिले में इसकी स्थापना की जाएगी. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए 40 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, लेकिन अब तक के राज्य सरकार केवल 10 एकड़ जमीन ही आवंटित कर पाई है.0 आपको बता दें कि नियमों के मुताबिक किसी भी दूर शिक्षा संस्थान की स्थापना के लिए 40 एकड़ जमीन की अनिवार्यता है जो फिलहाल नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के पास नहीं हो पा रही है.


विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए सरकार से बार-बार मांग रखी है, लेकिन राज्य सरकार ने इस में असमर्थता जाहिर कर दी है. अब राज्य सरकार के इस रुख के बाद नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी की मान्यता पर ही खतरा पैदा हो गया है. साथ ही साथ इस यूनिवर्सिटी से पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं के भविष्य पर भी संकट पैदा हो गया है. बिहार सरकार ने बिहार स्टेट प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट 2013 का हवाला देते हुए 10 एकड़ से अधिक जमीन देने से मना कर दिया है. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ संजीव कुमार ने बताया है कि 1987 में नालंदा खुला विश्वविद्यालय एक्ट के तहत यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई थी और यह प्राइवेट यूनिवर्सिटी नहीं है. सरकार और विश्वविद्यालय के बीच पेंच फंसा है उससे छात्र-छात्राओं के भविष्य पर ग्रहण लग सकता है.