PATNA : बिहार में कोरोना वायरल की रोकथाम को लेकर सरकार की ओर से की गई तैयारियों का पूरा ब्यौरा नीतीश सरकार ने हाईकोर्ट में पेश किया है. सरकार ने कोर्ट को बताया कि लोगों को कोरोना से बचाने की गई. पिछले दिनों कोर्ट ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए सरकार से ब्यौरा पेश करने को कहा था.
पटना हाईकोर्ट के सामने मंगलवार को राज्य सरकार ने कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए की जा रही कार्रवाई का पूरा ब्यौरा प्रस्तुत किया गया.दिनेश कुमार सिंह और अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सुनवाई की. राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के सभी जिलों में कोरोना महामारी को नियंत्रित करने के लिए लगातार टेस्ट और कार्रवाई की जा रही है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि बिहार में कोरोना का नहीं होना मिथक मात्र है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य के अधिकांश मेडिकल कालेजों में सिटी स्कैन और एम आर आई मशीन नहीं है.इस वजह से मरीजों को बाहर में पैसे खर्च कर टेस्ट कराने होते हैं. आगे, उन्होंने कोर्ट को बताया कि कोरोना टेस्ट में लगभग 40 फीसदी में रिपोर्ट सही नहीं होते हैं. इससे पहले कोर्ट ने 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के करोना जांच के मामले में रिपोर्ट राज्य सरकार को पेश करने का निर्देश दिया. इस मामले पर अगली सुनवाई आगामी 15 दिसंबर को की जाएगी.