7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार, राज्यपाल फागू चौहान ने दिलायी शपथ

7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार, राज्यपाल फागू चौहान ने दिलायी शपथ

PATNA : नीतीश कुमार ने एक बार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. नीतीश सातवीं बाहर बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं. राज्यपाल फागू चौहान ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई है. राजभवन के राजेंद्र मंडपम माहौल में आयोजित समारोह में नीतीश कुमार ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है.


विधानसभा चुनाव में एनडीए को बहुमत मिलने के बाद नीतीश कुमार को एनडीए विधानमंडल दल का नेता चुना गया था हालांकि जनता दल यूनाइटेड को विधानसभा चुनाव में कम सीटें हासिल हुई. उसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का अपना पुराना फैसला लागू किया. मुख्यमंत्री के बाद उनके कैबिनेट के अन्य सहयोगी भी शपथ ले रहे हैं. शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री में राज्यपाल फागू चौहान का अभिवादन किया है और राज्यपाल ने उन्हें मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है.


नई सरकार में जो पुराने मंत्री अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहे हैं, उनमें बीजेपी कोटे से मंगल पांडे इकलौते मंत्री हैं. मंगल पांडे पिछली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे और एक बार फिर से उन्होंने नीतीश कैबिनेट में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. मंगल पांडे को एक 11वें नंबर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई है.


ब्राह्मण तबके से आने वाले मंगल पांडे फिलहाल बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और एक तरफ जहां पिछली सरकार में बीजेपी कोटे से शामिल मंत्रियों की छुट्टी कर दी गई. वहीं मंगल पांडे अपनी कुर्सी बचा पाने में सफल रहे हैं. बीजेपी की तरफ से कैबिनेट में इस बार चार अन्य नए चेहरों को जगह दी गई है. बीजेपी कोटा से अमरेंद्र प्रताप सिंह ने 12 में नंबर पर शपथ ली है. अमरेंद्र प्रताप सिंह आरा से विधानसभा चुनाव जीतकर पहुंचे हैं. वह बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. राजपूत जाति से आने वाले अमरेंद्र प्रताप सिंह को कैबिनेट में जगह दी गई है.


दो डिप्टी सीएम के अलावा जिन नए चेहरों को कैबिनेट में जगह मिली है, उसमें बीजेपी से रामप्रीत पासवान ने मंत्री के तौर पर शपथ ली है. रामप्रीत पासवान ने मैथिली भाषा में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. इन्होंने 13वें नंबर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. उन्होंने भी मैथिली भाषा में शपथ ली है. इसके अलावे दरभंगा के जाले सीट से चुनाव जीतकर दूसरी बार विधानसभा पहुंचे जीवेश मिश्रा ने भी मंत्री पद की शपथ ली है, जीवेश मिश्रा ने 14वें नंबर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. उन्होंने भी मैथिली भाषा में शपथ ली है. जीवेश मिश्रा भूमिहार जाति से आते हैं और उन्होंने जाले सीट पर कांग्रेस के विवादित कैंडिडेट मशहूर उस्मानी को मार दी है. जिन्ना वाले बयान को लेकर उस्मानी सुर्खियों में बने रहे थे और जीवेश ने उन्हें पटखनी दी.


बीजेपी की तरफ से रामसूरत राय ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. मुजफ्फरपुर के औराई विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर आने वाले रामसूरत राय यादव जाति से आते हैं और उन्हें भी कैबिनेट में पहली बार मंत्री का पद मिला है. इन्होंने 15वें नंबर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है.


नीतीश कुमार के बाद जेडीओ कोटे से शपथ लेने वाले पहले मंत्री विजय कुमार चौधरी रहे हैं. विजय कुमार चौधरी ने चौथे नंबर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. विजय कुमार चौधरी इसके पहले विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके हैं. लेकिन इस बार विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी बीजेपी के पाले में जाने के बाद उन्हें कैबिनेट में जगह दी गई है. सरायरंजन सीट से चुनाव जीत कर आने वाले विजय कुमार चौधरी छठी बार विधानसभा पहुंचे हैं. कांग्रेस के साथ अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले विजय कुमार चौधरी सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेताओं में गिने जाते हैं. नीतीश कुमार का भरोसा उन पर सबसे ज्यादा है और यही वजह है कि साल 2015 में महागठबंधन की सरकार बनते वक्त नीतीश ने उन्हें विधानसभा अध्यक्ष बनवाया था.


शपथ ग्रहण समारोह में पांचवें नंबर पर जदयू के वरिष्ठ नेता विजेंद्र यादव ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. सुपौल से चुनाव जीत कर आने वाले विजेंद्र यादव नीतीश कुमार की टीम के बेहद पुराने सदस्य हैं. उनके बाद कांग्रेस से जेडीयू में आने वाले अशोक चौधरी ने शपथ ली है. अशोक चौधरी ने छठे नंबर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. अशोक चौधरी फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं लेकिन माना जा रहा है कि उन्हें जल्द ही विधान परिषद में राज्यपाल के मनोनीत कोटे से सदस्य बना दिया जायेगा. सातवें नंबर पर जदयू कोटे से मंत्री मेवालाल चौधरी ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. मेवालाल चौधरी तारापुर विधानसभा सीट से चुनाव जीत कर आए हैं. वह दूसरी बार विधानसभा पहुंचे हैं. कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके मेवालाल चौधरी तो पहली बार कैबिनेट में जगह मिली है.


जदयू कोटे से महिला मंत्री के तौर पर शीला मंडल में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. शीला कुमारी फुलपरास विधानसभा सीट से पहली बार चुनकर विधानसभा पहुंची हैं. उन्होंने आठवें नंबर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है.


पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट में मंत्री के तौर पर शपथ ली है. संतोष सुमन ने नौवें नंबर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. संतोष सुमन फिलहाल बिहार विधान परिषद के सदस्य हैं और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने 4 सीटों पर जीत हासिल की है. उनके कोटे से सुमन मंत्री बनाए जाने वाले इकलौते सदस्य हैं. जेएनयू से मास्टर्स की डिग्री हासिल करने वाले संतोष सुमन को पहली बार महागठबंधन में रहते हुए विधान परिषद भेजा गया था. तब जीतन राम मांझी, लालू प्रसाद यादव के साथ थे लेकिन अब विधानसभा चुनाव के पहले जिस तरह उन्होंने पाला बदला और अपने बेटे को नीतीश कैबिनेट में मंत्री बनवा दिया है.


सिमरी बख्तियारपुर सीट से विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद वीआईपी अध्यक्ष मुकेश साहनी नीतीश कैबिनेट में मंत्री बन गए हैं. उन्होंने दसवें नंबर पर पद एवं गोपनीयता की शपथ ली है. मुकेश साहनी की वीआईपी पार्टी ने 11 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था और उनके चार विधायक के चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं.


मुकेश सहनी चुनाव हार चुके हैं लेकिन अब मंत्री पद की शपथ लेने के बाद वह विधान परिषद कोटा से सदस्य बनाए जाएंगे. मुकेश साहनी ने विधानसभा चुनाव के दौरान ही महागठबंधन से विद्रोह करते हुए एनडीए का रुख किया था. एनडीए में उनकी एंट्री बीजेपी के तरफ से हुई थी बीजेपी ने मुकेश साहनी को एनडीए में से 11 सीटें देकर एडजस्ट किया और अब उनकी किस्मत का ताला खुल चुका है.


मुकेश सहनी अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं लेकिन उन्हें मंत्री बनाया गया है. राज्यपाल कोटे से मनोनीत होने वाले सदस्यों में उन्हें जगह मिलना तय है. क्योंकि चुनाव के ठीक पहले जो समझौता हुआ था. उसके मुताबिक के वीआईपी को एक सीट विधान परिषद की भी दी जानी है.