नीतीश को प्रशांत किशोर की चुनौती: एक साल में 10 लाख नौकरी दीजिये, मैं आपका झंडा उठा लूंगा, मुझे बिहार का A टू Z पता है

नीतीश को प्रशांत किशोर की चुनौती: एक साल में 10 लाख नौकरी दीजिये, मैं आपका झंडा उठा लूंगा, मुझे बिहार का A टू Z पता है

PATNA: चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बनने निकले प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुली चुनौती दी है। प्रशांत किशोर ने नीतीश से कहा है-आप एक साल में 10 लाख नौकरी दे दीजिये। मैं सब कुछ छोड़ कर आपका झंडा उठा लूंगा। प्रशांत किशोर ने आज नीतीश के उस बयान का भी जवाब दिया, जिसमें नीतीश ने कहा था कि प्रशांत किशोर को बिहार का ABC नहीं पता है। प्रशांत किशोर ने कहा-मुझे बिहार का ABC ही नहीं बल्कि A टू Z पता है।


महाज्ञानी हैं नीतीश

प्रशांत किशोर अपने जन सुराज अभियान के तहत आज भागलपुर पहुंचे हैं. मीडिया से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को जवाब दिया. PK ने कहा कि  नीतीश जी सबसे ज्यादा महाज्ञानी है. बिहार ही नहीं बल्कि देश के बाकी सब लोग बेवकूफ है. उन्होंने कहा-मुझे नहीं मालूम कि नीतीश जी को बिहार का ABC मालूम है या A टू Z पता है। 


10 लाख नौकरी देने की चुनौती

प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खुली चुनौती दी. उन्होंने कहा कि  अगर नीतीश जी एक साल में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दे देंगे.. तो मैं अपना सारा अभियान बंद कर उनका झंडा उठा लूंगा. प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार गलत दावा कर लोगों को भरमा रहे हैं. प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि बिहार के लोगों के सामने जल्द ही उनकी हकीकत सामने आ जायेगी।


नीतीश की मुहिम का कोई असर नहीं 

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार के विपक्षी एकता के अभियान का कोई असर नहीं होने वाला है. नीतीश कुमार एक राज्य के मुख्यमंत्री है. किसी मुख्यमंत्री के दिल्ली जाने पर विपक्षी नेताओं से मिलना आम बात है. कोई भी मुख्यमंत्री अगर दिल्ली जाकर किसी विपक्षी नेता या दूसरे मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगे तो मुलाकात होती ही है।


लेकिन इसका ये मतलब कतई नहीं है कि सारी विपक्षी पार्टियां नीतीश कुमार की बात मान रही हैं या फिर औपचारिक मुलाकातों से कोई बहुत बड़ा असर होने वाला है. प्रशांत किशोर ने कहा कि ये नीतीश कुमार कह रहे हैं कि उनकी विपक्षी एकता की मुहिम का असर हुआ है. लेकिन क्या विपक्षी नेताओं मे एक मंच पर आकर ये कहा है कि हम नीतीश कुमार के साथ हैं. किसी प्रमुख नेता ने सार्वजनिक तौर पर नीतीश का समर्थन तक नहीं किया है।


बात दें कि बिहार में राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटे प्रशांत किशोर पर कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तीखा हमला बोला था. दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर की बात का कोई मतलब है. उसको बिहार का ABC भी मालूम है? अगर वह कोई बात बोलता है तो समझ लीजिये उसका मन बीजेपी के साथ रहने का होगा, बीजेपी को मदद करने का होगा।


नीतीश ने कहा था- “वो आदमी तो मेरे साथ आया था न. बाद में हम सुझाव दिये कि ये सब काम छोड़िये लेकिन नहीं माने. दूसरा-दूसरा देश भर में कितना पार्टी का काम करते रहे. उसका ई धंधा है. बिहार में जो ऊ अपना करना चाहता है, करे न भाई. उसके स्टेटमेंट का कोई अर्थ नहीं है.”


नीतीश कुमार यहीं नहीं रूके थे. उन्होंने कहा-“उसको पता है? ABC मालूम है? बिहार में क्या काम हुआ है. ई लोग को मालूम है कि अपना पब्लिसिटी लेने का, स्टेटमेंट देने का. ई सबका एक्सपर्ट है. वही सब अंड-बंड बोलता रहता है. कोई मतलब है उसके बात का.”


नीतीश कुमार ने आरोप लगाया है कि पीके बीजेपी की मदद के लिए काम कर रहे हैं. मीडिया से नीतीश ने कहा-आप जान लीजिये. अगर कोई इस तरह की बात बोलता है तो आप समझ लीजिये कि मन होगा कुछ. बीजेपी के साथ रहने का मन होगा. बीजेपी का भीतर से मदद करने वाला मन होगा।


वैसे, प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के बेहद करीब रह चुके हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर नीतीश कुमार के घर में रहकर उनके चुनावी प्रबंधन को संभाल रहे थे. चुनाव बाद प्रशांत किशोर नीतीश से अलग हुए. 2018 में वे फिर से जेडीयू में वापस आये तो नीतीश कुमार ने उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था. लेकिन बाद में प्रशांत किशोर ने CAA, तीन तलाक समेत दूसरे विवादित मुद्दों पर भाजपा का साथ देने के लिए नीतीश कुमार की आलोचना की थी. इसके बाद उन्हें जेडीयू छोड़ना पड़ा था।