नीतीश की शराबबंदी का सच : रात में निकलीं डीएम तो पता चला शहर में मयखाने चल रहे हैं, खुलेआम छलक रहे हैं जाम

नीतीश की शराबबंदी का सच : रात में निकलीं डीएम तो पता चला शहर में मयखाने चल रहे हैं, खुलेआम छलक रहे हैं जाम

SITAMARHI : बिहार में पूर्ण शराबबंदी की कलई हर रोज खुल रही है. सीतामढ़ी की डीएम शनिवार की देर रात शहर घूमने निकलीं तो पता चला कि बीच शहर में मयखाने चल रहे हैं. खुलेआम जाम छलकाये जा रहे हैं. नाराज डीएम ने सिर्फ थाना प्रभारी ही नहीं बल्कि पुलिस के सीनियर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकार को पत्र लिखने का एलान किया है.


बीच शहर चल रहे थे मयखाने
दरअसल नीतीश कुमार बार बार कह रहे हैं कि कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए जिलों के डीएम एसपी को खुद सड़क पर निकलना चाहिये. सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा शर्मा शनिवार की देर रात खुद सड़क पर निकल गयीं. उन्होंने जिले के एसपी अनिल कुमार को भी अपने साथ लिया. फिर शहर का निरीक्षण करना शुरू कर दिया. पूरा शहर नींद के आगोश में था. लेकिन सीतामढ़ी शहर के रेलवे स्टेशन रोड में एक होटल में खुलेआम जाम छलकाया जा रहा था. पास के ही एक दूसरे होटल में लोग जाम छलका कर जा रहे थे.वहां शराब की कई खाली बोतल और टेबल पर पड़ा ग्लास-चखना सारी कहानी कह रहा था. बीच शहर हो रहे इस खेल को देखकर डीएम हैरान रह गयीं.


दरअसल डीएम और एसपी ने उत्पाद विभाग की टीम को भी अपने साथ ले लिया था. उत्पाद विभाग की टीम ने शहर से बाहर लाइन होटलों में छापेमारी की लेकिन वहां कुछ नहीं मिला. फिर अधिकारियों का दस्ता शहर के स्टेशन रोड में पहुंचा. छापेमारी का सिलसिला शुरू किया गया तो पता चला कि स्टेशन रोड में तो मयखाने चल रहे थे.  स्टेशन रोड के होटल त्रिमूर्ति और बिहार मीट पराठा हाउस में जाम के साथ मीट-पराठा का स्वाद लिया जा रहा था. छापेमारी के दौरान शराब के साथ एक व्यक्ति पकड़ा गया. दोनों होटलों से शराब की कई खाली बोतलें बरामद हुई. डीएम ने माना कि क्षेत्र के थाना प्रभारी की मिलीभगत के बगैर कोई भी दुकानदार इस तरह के कारोबार करने की हिम्मत नहीं जुटा सकता.


थानेदार ही नहीं सीनियर अधिकारी भी दोषी
सीतामढ़ी की डीएम अभिलाषा शर्मा ने कहा कि सीतामढ़ी के स्टेशन रोड में शराब की बरामदगी हुई है, गिरफ्तारी भी की गयी है. पुलिस की संलिप्तता के बगैर इस तरीके से कारोबार नहीं चल सकता. ये क्षेत्र मेहसौल ओपी पुलिस के अधीन आता है. मेहसौल ओपी पुलिस समेत जवाबदेही तय कर वरीय पदाधिकारियों के कार्यप्रणाली के खिलाफ गृह विभाग को पत्र भेजा जा रहा है.