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1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Tue, 21 Mar 2023 01:54:24 PM IST
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PATNA: बिहार विधानसभा में सोमवार को नीतीश के एक अजीबो गरीब बयान ने बिहार की सियासत में खलबली मचा दी है. भाजपा के विधायक ने आज मुख्यमंत्री के मानसिक स्वास्थ्य की जांच करा कर रिपोर्ट जारी करने की मांग कर दी. उधर, जेडीयू और राजद के नेताओं को जवाब नहीं सूझा. हाल तो ये रहा कि मुख्यमंत्री के बयान के समय सदन में बैठे राजद नेताओं ने कहा कि उन्होंने कुछ सुना ही नहीं. सरकार को समर्थन दे रही पार्टी माले के विधायक भी मुख्यमंत्री के बयान पर हैरान हैं.
बता दें कि सोमवार को बिहार विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि वे अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमंत्री काल में देश के गृह मंत्री थे. नीतीश कुमार ने कहा था कि गृह मंत्री रहते उन्हें देश में पहली दफे खिलाडियों को सरकारी नौकरी देने का फैसला लिया था. उसके बाद दूसरी जगहों पर खिलाडियों को नौकरी देने का सिलसिला शुरू हुआ था. नीतीश के इस बयान पर सियासी हलके में खलबली मची क्योंकि वे कभी देश के गृह मंत्री रहे ही नहीं.
नीतीश का हेल्थ बुलेटिन जारी हो
मंगलवार को बीजेपी के विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोल दिया. बचौल ने मीडिया से कहा- कल सदन में नीतीश जी ने खुद को दो दफे देश का गृह मंत्री बताया. निश्चित रूप से नीतीश कुमार विस्मरण के शिकार हो चुके हैं. लेकिन वे चांडाल चौकडी से घिरे हुए हैं. उनका स्वास्थ्य रिपोर्ट जारी होना चाहिये. आशंका इस बात की है कि उनके घेरने वाली चांडाल चौकड़ी कहीं गलत काम न करवा ले. बिहार की जनता के हित में नीतीश कुमार की स्वास्थ्य जांच होनी चाहिये और उन्हें राजनीति से सन्यास ले लेना चाहिये.
बीजेपी के एक औऱ विधायक नीरज बबलू ने भी नीतीश को लेकर सवाल उठाये. नीरज बबलू ने कहा कि वे नहीं कहेंगे कि नीतीश कुमार का मानसिक स्वास्थ्य ठीक नहीं है. लेकिन मुख्यमंत्री प्रेशर में है. अंदर से परेशान हैं. जंगलराज की टीस उन्हें सता रही है, नीतीश जी को पछतावा हो रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री लगातार ऐसा एक्शन कर रहे हैं कि लोग कह रहे हैं कि नीतीश जी क्या कर रहे हैं. पूरे बिहार में इस बात की चर्चा हो रही है. नीतीश कुमार जंगलराज वालों के प्रेशर में हैं. तभी ऐसा एक्शन कर रहे हैं.
राजद विधायक ने सदन में रह कर कुछ नहीं सुना
उधर, इस मामले में राजद और जेडीयू को जवाब नहीं सूझ रहा है. विवादित बयानों से लगातार चर्चा में रहने वाले राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने पहले तो मीडिया को ही गलत साबित करने की कोशिश की. भाई वीरेंद्र ने कहा--नीतीश जी ने गृह मंत्री नहीं कहा था, आपको मिस्टेक हो गया होगा. उन्होंने गृह मंत्री नहीं मंत्री कहा था. मीडिया वालों ने जवाब दिया-ये सब रिकार्डेड है. आप उसे कैसे झुठला रहे हैं. उसके बाद भाई वीरेंद्र ने लाइऩ बदली. उन्होंने कहा-मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है कि नीतीश जी ने क्या कहा. ये सही है कि मैं उस वक्त सदन में था लेकिन मुझे कोई जानकारी नहीं है कि उन्होंने क्या कहा. वैसे भी बीजेपी वालों का गड़बड़ बयान रहता है. मानसिक संतुलन तो बीजेपी वालों का गड़बड़ा गया है, जिसका इलाज नीतीश कुमार औऱ तेजस्वी यादव कर रहे हैं.
जेडीयू के मंत्री श्रवण कुमार का बयान कुछ ऐसा ही थी. श्रवण कुमार बोले-मैंने नहीं सुना कि नीतीश जी ने क्या कहा. मैं उस वक्त विधानसभा में था ही नहीं. मैं तो विधान परिषद में था. इसलिए ये सुना नहीं कि उन्होंने क्या कहा. लेकिन बीजेपी वालों की बात को कोई नोटिस नहीं लेता है. नीतीश जी ने बिहार औऱ देश के लिए बहुत काम किया है. जेडीयू के एक औऱ विधायक डॉ संजीव कुमार से मीडिया पूछती रही कि नीतीश कुमार कब केंद्र सरकार में गृह मंत्री थे. संजीव कुमार इसका जवाब देने के बजाय बीजेपी पर हमला बोलते रहे. उन्होंने कहा- बीजेपी वाले पागल हो गये हैं, ऐसी बयानबाजी न करें वर्ना ये बर्दाश्त से बाहर हो जायेगा.
माले के विधायक भी हैरान
नीतीश कुमार जब सदन में खुद को देश का पूर्व गृह मंत्री बता रहे थे तो उस दौरान माले के विधायक भी मौजूद थे. माले विधायकों को भी नीतीश कुमार की बातों पर जवाब नहीं सुझ रहा था. माले विधायक मनोज मंजिल ने फर्स्ट बिहार से बात करते हुए कहा कि मुझे याद तो नहीं आ रहा है कि नीतीश जी ने क्या कहा. शायद उनका सेंस रहा होगा कि वे जब केंद्र में मंत्री थे तो उस समय खिलाड़ियों के लिए काम किया था. मनोज मंजिल ने कहा कि नीतीश कुमार अगर देश के गृह मंत्री नहीं थे तो उन्हें ऐसे बयान से बचना चाहिये.