नीतीश के राजनीतिक संन्यास का यही सही समय, बोले पूर्व मंत्री..संन्यास लेने पर थोड़ी इज्जत बची रहती है

नीतीश के राजनीतिक संन्यास का यही सही समय, बोले पूर्व मंत्री..संन्यास लेने पर थोड़ी इज्जत बची रहती है

PATNA: दिल्ली के अशोका होटल में करीब 3 घंटे तक इंडिया गठबंधन की बैठक हुई। जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। महागठबंधन की चौथी बैठक में भी नीतीश को नेतृत्व देने पर कोई विचार नहीं हुआ। बताया जाता है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पीएम कैंडिडेट बनाने का प्रस्ताव रखा जिसका आम आदमी पार्टी के चीफ अरविंद केजरीवाल ने भी समर्थन किया है। 


इंडिया गठबंधन की बैठक पर हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मंत्री डॉ संतोष सुमन ने कहा कि बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल पाया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बार भी इंडिया गठबंधन का संयोजक नहीं बनाया गया। उनकी असल राजनीतिक हैसियत का परिणाम है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के अब राजनीतिक संन्यास का सही समय आ गया है।


उन्होंने कहा कि क्रिकेट की तरह राजनीति में भी खेलते हुए संन्यास ले लेने पर थोड़ी इज्जत बची रहती है। वरना, खराब परफॉरमेंस वाले खिलाड़ी को टीम से बाहर तो किया ही जाता है, इसके साथ संन्यास का भी अवसर नहीं मिलता। पूर्व मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश में अभी कोई विकल्प नहीं है। विपक्षी पार्टियों का 280 दलों से भी गठबंधन हो जायेगा तो इससे एनडीए पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि, नरेंद्र मोदी व एनडीए का सीधे जनता से गठबंधन है। 


पूर्व मंत्री ने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक में कांग्रेस को ही फंसा दिया है। गांधी-नेहरू परिवार से बाहर नहीं निकलने पाने वाली कांग्रेस पार्टी के युवराज राहुल गांधी को राष्ट्रीय राजनीति से बाहर कर दिया। कहा है प्रधानमंत्री का दावेदार बनाये जाने के मायाजाल में फंसकर कुछ कांग्रेसी राहुल गांधी के आगे-पीछे दिख रहे थे। अब जब उनको प्रधानमंत्री का दावेदार नहीं बनाया गया तो मुट्ठीभर दिखने वाले कांग्रेसी भी अब इनसे दूर हो जायेंगे क्योंकि, कांग्रेस का चरित्र हमेशा सत्ता का रहा है।