NALANDA: बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव अस्पतालों में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा करते हैं लेकिन उनके इस दावों की पोल खुद नीतीश के एमपी ने खोलकर रख दी है। जिससे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र के अस्पताल की हकीकत बयां हो रहा है। हम बात कर रहे हैं नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार की, जिन्होंने सोमवार की देर शाम बिहारशरीफ सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण किया तब उसके बाद स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई खुद व खुद निकलकर सामने आ गयी।
दरअसल नालंदा सांसद कौशलेंद्र कुमार सोमवार की शाम अचानक बिहारशरीफ सदर अस्पताल पहुंचे थे जहां उन्होंने सबसे पहले इमरजेंसी वार्ड पहुंचकर मरीजों का हाल-चाल जाना। इस दौरान कई मरीज की शिकायत थी कि डॉक्टर द्वारा जो जांच लिखा जाता है उस जाँच को करने में लैब वाले आनाकानी करते हैं।
मरीज के परिजनों की इस शिकायत को सुनने के बाद सांसद कौशलेंद्र ने अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ.अशोक कुमार को बुलाया और तुरंत मरीज की जांच कराने को कहा। एक मरीज को खून चढ़ना था लेकिन उसे ब्लड देने वाला कोई नहीं था। जिसके बाद सांसद ने मरीज को ब्लड चढ़ाने की पहल की।
बता दें कि बिहारशरीफ सदर अस्पताल में सांसद कौशलेंद्र कुमार ने ही लिफ्ट लगवाया था आज औचक निरीक्षण के दौरान लिफ्ट भी खराब पाया गया। लिफ्ट की हालत देख सांसद ने उपाधीक्षक को कंपनी से बात और उसे ठीक करने का निर्देश दिया। वही बिहार शरीफ सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम रूम के पास काफी अंधेरा था जिसे देख उन्होंने डॉ. अशोक को लाइट लगवाने को कहा।
इसके अलावा इमरजेंसी में स्ट्रेचर की कमी को जल्द से जल्द दूर करने का भी निर्देश दिया। उनका कहना था कि इमरजेंसी मरीज को किसी भी प्रकार की दिक्कत ना हो इसका ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां जो भी डॉक्टर हैं वो काफी अनुभवी है कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है यदि इसे दूर कर दिया गया तो बिहारशरीफ सदर अस्पताल बिहार का सबसे बेहतर अस्पताल होगा।
नालंदा से राजकुमार मिश्रा की रिपोर्ट..