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नीतीश कैबिनेट के मंत्री पर जिलों के डीएम से सीधे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं कर पाएंगे, सरकार का नया फरमान जानिए..

1st Bihar Published by: Updated Sun, 19 Dec 2021 08:15:00 AM IST

नीतीश कैबिनेट के मंत्री पर जिलों के डीएम से सीधे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं कर पाएंगे, सरकार का नया फरमान जानिए..

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PATNA : नीतीश कैबिनेट के मंत्री और अलग-अलग विभाग जिलों के डीएम से सीधे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं कर पाएंगे. सरकार ने जो नया आदेश जारी किया है उसके मुताबिक अब किसी भी विभाग को अगर जिला पदाधिकारी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करनी है तो इसके लिए मुख्य सचिव से अनुमति लेनी होगी. 


मुख्य सचिव का यह आदेश सभी विभागों के पास भेज दिया गया है. इसे लेकर सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिवों को मुख्य सचिव कार्यालय की तरफ से गाइडलाइन जारी की गई है. इस गाइडलाइन के मुताबिक अब अगर कोई विभाग जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रखना चाहता है तो इसके लिए उसे पहले मुख्य सचिव कार्यालय से अनुमति लेनी होगी.


दरअसल, सरकार के मंत्री अपने विभागों की समीक्षा को लेकर जिलों के डीएम के साथ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में आयोजित करते थे. विभाग अपनी योजनाओं की समीक्षा पर फीडबैक और क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारियों से संपर्क साधा था और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यह बैठक आयोजित होती थी. मुख्य सचिव कार्यालय को इसकी जानकारी नहीं होने के कारण कई बार तकनीकी समस्या भी पैदा होती थी. 


अब सरकार ने जो नया आदेश जारी किया है उसमें तर्क दिया गया है कि कई बार अलग-अलग विभागों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का समय एक होने से परेशानी पैदा होती थी लिहाजा यह फैसला किया गया है. हालांकि इसे दूसरे नजरिए से भी देखा जा रहा है. अब मंत्री जी सीधे जिलों के डीएम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नहीं कर पाएंगे इसके लिए भी मुख्य सचिव से अनुमति लेनी होगी. ऐसे में मुख्य सचिव को इस बात की जानकारी होगी कि किस विभाग के मंत्री किन जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे हैं. देखा जाए तो कहीं न कहीं इस फैसले से राज्य कैबिनेट के मंत्रियों के अधिकार क्षेत्र में ही कटौती की गई है.


इस पूरे मामले पर राज्य के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण का कहना है कि जिलाधिकारियों के पास कई तरह के काम होते हैं. उन्हें समय पर पूरा भी करना होता है. ऐसे में विभागों की तरफ से बार-बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक करने पर जिलाधिकारियों को काफी वक्त उसमें देना पड़ता है. काम प्रभावित होता है और विभाग इसके लिए पहले से अनुमति भी नहीं देते. इसलिए विभागों को यह व्यवस्था दी गई है कि अब वह पहले अनुमति लें और उसके बाद अगर मंजूरी मिले तो जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करें.