PATNA : बिहार में खराब कानून व्यवस्था और शराब माफिया के समानांतर साम्राज्य के कारण नीतीश सरकार परेशान है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद नई सरकार के गठन के बाद अपराध नियंत्रण को लेकर कई बार बैठकर कर चुके हैं लेकिन नई पारी के शुरुआती महीनों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जो फीडबैक मिला है, वह बेहद चौंकाने वाला है सरकार के पास मौजूद इनपुट के मुताबिक शराब से लेकर भू-माफिया और अन्य तरह के अपराधियों के साथ सांठगांठ कर बिहार में अधिकारियों ने अकूत संपत्ति अर्जित की है. नए साल में सरकार की नजर अब काली कमाई करने वाले अधिकारियों पर टेढ़ी होने वाली है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एजेंडे में करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति शुरुआती दौर से रही लेकिन बाद के दिनों में इसे ढीला ढाला पाया गया लेकिन अब नीतीश कुमार खुद चाहते हैं कि जीरो टॉलरेंस को सशक्त बनाया जाए. अपराध पर नियंत्रण के साथ-साथ भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया जाए लंबे अरसे से बिहार में सुस्त पड़े आर्थिक अपराध इकाई को अब एक बार फिर इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है. आर्थिक अपराध इकाई भ्रष्टाचार में शामिल बड़ी मछलियों को अपने जाल में फंसी रही है बिहार के पूर्व डीजी तक इसकी रडार पर आ चुके हैं लेकिन लंबे अरसे से इकाई का हाथ खाली रहा है ऐसे में सरकार ने डीईओयू को अब बड़े भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक्शन का मैसेज दे दिया है. आर्थिक अपराध इकाई के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा है कि अब भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी शुरू हो गई है.
सरकार के निर्देश पर आर्थिक अपराध इकाई ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों की पहचान करने में जुटी हुई है, जिन्होंने पिछले डेढ़ से दो दशक में बेतहाशा संपत्ति बनाई. आर्थिक अपराध इकाई के अधिकारी इस मसले पर भी होमवर्क कर रहे हैं कि बिहार से बाहर किन बड़े अधिकारियों ने संपत्ति का साम्राज्य खड़ा किया. बाहर अन्य राज्यों में जाकर निवेश किए और यहां भ्रष्टाचार में शामिल रहे माना जा रहा है कि जल्द ही आर्थिक अपराध इकाई कुछ बड़ी मछलियों के ऊपर एक्शन ले सकती है इसके लिए सरकार की तरफ से इकाई पर दबाव भी बनाया गया है. सरकार का मकसद इस पूरे एक्शन के साथ अपने सुशासन के एजेंडे को मजबूती के साथ लागू करना और लोगों के बीच उसकी सही तस्वीर सामने लाना है.