PATNA : नवमी को मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना करने के लिए सुबह स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें, उसके बाद सबसे पहले कलश की पूजा व समस्त देवी देवताओं का ध्यान करें।
वहीं, आज मां को मोली, रोली, कुमकुम, पुष्प और चुनरी चढ़ाकर मां की भक्ति भाव से पूजा करें। इसके बाद मां को पूरी, खीर, चने, हलुआ, नारियल का भोग लगाएं। उसके बाद माता के मंत्रों का जाप करें और नौ कन्याओं के साथ एक बालक को भोजन कराएं।
मां सिद्धिदात्री को बैंगनी और सफ़ेद रंग प्रिय है. इस दिन मां सिद्धिदात्री को सफेद या बैंगनी रंग के वस्त्र अर्पित करना बहुत अच्छा होता है। इसके अलावा महानवमी को बैंगनी या सफेद रंग के कपड़े पहनना बहुत शुभ होता है। यह रंग अध्यात्म का प्रतीक माना जाता है।
महानवमी के दिन कन्या पूजन करना बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है।इस दिन कन्या पूजन करने से पहले साफ जल से कन्याओं के पांव धोएं। उसके बाद पैर छूकर आशीर्वाद लें। फिर कन्याओं चंदन और कुमकुम का तिलक लगाकर कलावा बांधे। उसके बाद कन्याओं को चुनरी और चुड़ियां पहनाएं।उसके बाद कन्याओं को भोजन कराएं। फिर दक्षिणा और उपहार देकर कन्याओं के पांब छूकर आशीर्वाद लें।अंत में माता रानी का ध्यान कर क्षमा प्राथना करें।
नवरात्रि के नौवे दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भक्त मां भगवती के इस स्वरुप की पूरे विधि विधान से पूजा करता है। उसके सभी काम पूरे होते हैं। इसके अलावा मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से धन, यश, बल और मोक्ष की प्राप्ति होती है।