PATNA : नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। माना जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा अर्चना करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली आती है। माना जाता है कि देवी दुर्गा की छठी शक्ति मां कात्यायनी का जन्म महर्षि कात्यायन के घर हुआ था, इसलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। शीघ्र विवाह, वैवाहिक जीवन में खुशहाली और दुश्मनों पर विजय पाने के लिए मां कात्यायनी की पूजा अचूक मानी जाती है। मां कात्यायनी पूरे ब्रजमंडल की अधिष्ठदात्री देवी हैं। इनके आशीर्वाद से भक्त को मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।
वैदिक पंचांग के अनुसार, मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 40 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करना शुभ रहेगा।नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए सुबह उठकर स्नान करने के बाद पूजा स्थल की साफ-सफाई करें. इसके बाद कलश की पूजा करने के बाद हाथ में पुष्प लेकर मां दुर्गा और मां कात्यायनी की ध्यान कर पुष्प मां के चरणों में अर्पित करें. इसके बाद माता को अक्षत, कुमकुम, पुष्प और सोलह श्रृंगार अर्पित करें. उसके बाद मां कात्यायनी को उनका प्रिय भोग शहद, मिठाई अर्पित करें। मां को जल अर्पित कर दुर्गा चलिसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
बताते चलें कि, मां कात्यायनी की पूजा में देवी को शहद या फिर शहद से बने हलवे का भोग लगाएं. धार्मिक मान्यता है इससे सौंदर्य में निखार आता है। वैवाहिक जीवन में मिठास आती है और साथ ही धन-संपत्ति में बढ़ोतरी होती है।