PATNA : हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तक शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। इस वर्ष 15 अक्टूबर से लेकर 23 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्रि है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है।
वहीं, ऐसा कहा जाता है कि साधक विधि विधान से नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करते हैं। इससे घर में सुख, समृद्धि और खुशहाली आती है।
सनातन शास्त्रों में निहित है कि नवरात्रि के दूसरे दिन साधक का मन ‘स्वाधिष्ठान’चक्र में स्थिर रहता है। मां की महिमा निराली है। उनके मुखमंडल पर कांतिमय आभा झलकती है। इससे समस्त जगत आलोकित होता है। मां ब्रह्मचारिणी के एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में कमंडल है। मां की पूजा-उपासना करने से विद्या की प्राप्ति होती है। अतः मां ब्रह्मचारिणी को विद्या की देवी भी कहा जाता है।
ब्रह्मचारिणी की पूजा फल, फूल, धूप, दीप, हल्दी, चन्दन, कुमकुम आदि चीजों से करें। मां ब्रह्मचारिणी को चीनी और मिश्री प्रिय है। अतः भोग में उन्हें लाल रंग के फल, चीनी और मिश्री अर्पित करें। पूजा के अंत में आरती-अर्चना कर सुख, समृद्धि और आय वृद्धि की कामना करें। दिनभर उपवास रखें। संध्याकाल में आरती कर फलाहार करें।