नगर निकायों को लेकर विभाग ने बदला फैसला, दोबारा से बहाल हुई स्टैंडिंग कमेटी की शक्तियां

नगर निकायों को लेकर विभाग ने बदला फैसला, दोबारा से बहाल हुई स्टैंडिंग कमेटी की शक्तियां

PATNA : नगर विकास एवं आवास विभाग प्रदेश के नगर निकायों को लेकर किए संशोधन को परिवर्तन किया है। लगातार पार्षदों और मुख्य पार्षदों के तरफ से बनाए जा रहे दबाव में विभाग ने अपने फैसले में परिवर्तन किया है। विभाग ने नगर निकायों के स्टैंडिंग कमेटी की शक्तियां पुनः बहाल कर दी है। पिछले दिनों बिहार नगर पालिका संशोधन अधिनियम 2024 के कई प्रावधानों को लेकर पार्षद और मुख्य पार्षद लगातार विरोध कर रहे थे। इतना ही नहीं कई इलाकों के पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल लगातार नगर विकास विभाग के मंत्री से मिल रहा था। इसके बाद अब यह निर्णय लिया गया है। 


दरअसल, इस पुरे मामले को लेकर विभागीय मंत्री नितिन नवीन की अध्यक्षता में बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में बिहार नगर पालिका संशोधन अधिनियम 2024 के प्रावधानों को लागू करने में होने वाली कठिनाईयों की समीक्षा की गई। बैठक के बाद विभाग ने फैसला लिया‌ है कि मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा कार्यपालक शक्ति का उपभोग सशक्त स्थायी समिति के पर्यवेक्षण के अधीन किया जायेगा।  वहीं, बिहार नगर पालिका संशोधित नियमावली 2024 के द्वारा ठोस अपशिष्ट से संबंधित कार्यों के प्रबंधन, संचालन हेतु दर निर्धारण एवं कार्यान्वयन नगर निकायों द्वारा की जायेगी। 


मालूम हो कि, इससे पहले नगर पालिका संशोधन अधिनियम 2024 में प्रावधान किया गया था कि सशक्त अस्थाई समिति अर्थात स्टैंडिंग कमेटी की बैठकों की अध्यक्षता मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा ठोस अपशिष्ट के प्रबंधन का संचालन और दर निर्धारण नगर विकास विभाग अर्थात सरकार के स्तर से किया जाएगा।  नगर पालिका संशोधन अधिनियम के यही दो प्रमुख बिंदु थे, जिस पर नगर निकायों के प्रतिनिधियों का विरोध था। इसी को लेकर सभी नगर निकायों के जनप्रतिनिधि सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में सबक सिखाने की धमकी दे रहे थे। जिसके बाद अब विभाग ने अपना फैसला बदल दिया है। 


उधर, पार्षदों ने नगर विकास विभाग के इस फैसले का स्वागत किया है। पटना के पार्षद और पूर्व उपमहापौर  ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि कल ही तमाम पार्षद प्रतिनिधियों के साथ वह इन मांगों को लेकर मंत्री को ज्ञापन सौंपे थे। सकारात्मक आश्वासन मिला और उसके बाद जो दो प्रमुख डिमांड थी उसे पूरा किया गया। नगर निकायों को अपने क्षेत्र के कचरा प्रबंधन का अधिकार होना चाहिए और स्टैंडिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता मुख्य पार्षद के ही निर्देशन में होना चाहिए।