PATNA : मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने वाले कई लोगों की आंख की रोशनी अब तक जा चुकी है. मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए फ्री कैंप लगाया गया था और इस दौरान संक्रमण की वजह से अब तक दर्जनों लोगों की आंख की रोशनी जा चुकी है. इस मामले में अब मुजफ्फरपुर आई हॉस्पिटल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है.
इस मामले में हॉस्पिटल के डॉक्टर एन डी साहू समेत चार डॉक्टरों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है. इसके अलावा पांच पारा मेडिकल स्टाफ के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है. मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा थाने में इस मामले को लेकर केस दर्ज किया गया है. मोतियाबिंद सर्जरी कैंप में जिन मरीजों का ऑपरेशन किया गया था, उन्हें अब पटना लाए जाने की तैयारी है.
दरअसल मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद की सर्जरी के दौरान लोगों की आंख की रोशनी चली जाने के मामले में पीएमओ ने संज्ञान लिया है. पीएमओ ने स्वास्थ्य विभाग से इस मामले में पूरी रिपोर्ट तलब की है. पीएमओ की तरफ से रिपोर्ट मांगी जाने के बाद राज्य सरकार में हड़कंप मच गया है. राज्य सरकार ने इस मामले में सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी रविंद्र नाथ चौधरी को जांच का जिम्मा सौंपा है. पीएमओ में अधिवक्ता एसके झा की शिकायत पर रिपोर्ट तलब की है. स्वास्थ्य के क्षेत्रीय निदेशक ने गुरुवार को मरीजों का हालचाल जाना था. उसके बाद यह फैसला लिया गया कि इनका इलाज पटना में कराया जाएगा.
इस मामले में बुधवार तक 15 लोगों की आंख निकालनी पड़ी थी, जबकि 9 और ऐसे मरीज हैं जिनकी आंख निकालने की नौबत बन चुकी है. मुजफ्फरपुर में जो केस दर्ज किया गया है उसमें अस्पताल के सचिव और डॉक्टर दोनों को आरोपी बनाया गया है. मुजफ्फरपुर मोतियाबिंद कांड को लेकर गुरुवार को बिहार विधान परिषद में भी हंगामा हुआ था. इधर सरकार ने कहा है कि पीड़ितों का इलाज मुफ्त में पटना के आईजीआईएमएस हॉस्पिटल में कराया जाएगा.