रक्षा बंधन के मौके पर मुजफ्फरपुर की बिटिया को राष्ट्रपति भवन से आया बुलावा, 30 अगस्त को माता-पिता के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगी जाह्नवी

रक्षा बंधन के मौके पर मुजफ्फरपुर की बिटिया को राष्ट्रपति भवन से आया बुलावा, 30 अगस्त को माता-पिता के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलेंगी जाह्नवी

MUZAFFARPUR: 16 साल की उम्र में ही मुजफ्फरपुर की बिटिया जाह्नवी लैंगिक समानता, पीरियड्स, सेक्सुअल राइट्स जैसे गंभीर मुद्दों पर काफी मुखर हैं. इस कारण संयुक्त राष्ट्र फाऊण्डेशन,अमेरिका द्वारा लगातार तीन वर्षो तक सम्मानित हो चुकी हैं। जाह्नवी को राष्ट्रपति भवन से बुलावा आया है। आगामी 30 अगस्त को वो अपने माता पिता के साथ दिल्ली जाएगी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगी। इसके साथ ही मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड अंतर्गत अम्मा निवासी जान्हवी एक बार फिर सुर्खियों में आ गयी है। उन्हें देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का बुलावा आया है। 


संयुक्त राष्ट्र संघ, अमेरिका में प्रतिनिधि समाजसेवी संतोष कुमार व समाजसेवी अर्चना की पुत्री जान्हवी लेखिका भी हैं। वह मिस टीन इंडिया रह चुकी हैं और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। रक्षा बंधन के मौके पर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उसे राष्ट्रपति भवन में बुलाया है। इसकी सूचना ई-मेल के माध्यम से राष्ट्रपति के निजी सचिव द्वारा भेजी गयी है।


विदित हो कि जाह्नवी 16 वर्ष तक के उम्र मे ही लैंगिक समानता,पीरियड्स,सेक्सुअल राईट्स जैसे गंभीर मुद्दो पर काफी मुखर है,जिस कारण संयुक्त राष्ट्र फाऊण्डेशन,अमेरिका द्वारा लगातार तीन वर्षो तक सम्मानित हुई है,साथ ही जेन्डर इक्वलिटी व पीरियड्स पर पुस्तकों की लेखिका भी.इन विषयों पर आधारित लगभग 150 स्थानीय/अंतर्राष्ट्रीय बैठकों मे भाग लेने के अलावा संयुक्त राष्ट्र फाऊण्डेशन व नेल्सन मंडेला के सिद्धान्तो पर कार्यरत वैश्विक मंच से स्पीकर भी रह चुकी है,भारत विकास परिषद् ने भी मानद् सदस्य के रूप मे जाह्नवी को स्थान दिया है।


राष्ट्रपति भवन कार्यालय का पत्र प्राप्त होते ही पूरे परिवार व सगे-संबंधियों मे खुशी की लहर दौर गई है। माता अर्चना ने बताया कि परिवार मे यह दूसरा बड़ा मौका है,जब हमलोग खुशी के आंसू रोक नही पाए.इससे पूर्व यह स्थिति तब बनी थी,जब संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय,अमेरिका के सत्र मे भाग लेने हेतू संतोष कुमार को बुलावा आया था और गये भी थे.एक साधारण गांव से उठकर अमेरिका स्थित संयुक्त राष्ट्र और अब महामहिम के भवन तक की यात्रा हम जैसे साधारण परिवार के लिए बहुत बड़ी बात है.


जाह्नवी जब पीरियड्स,यौन अधिकार,पैड,लैंगिक समानता विष्यों पर काम करना प्रारंभ की थी। तब कइयों का ताना सुनना पड़ता था कि ये इन विषयों पर लड़की होकर गांव-समाज मे क्यों बोलती है,लेकिन उसने सबकी अनसुनी करते हुए वैश्विक स्तर पर अलख जगाना नही छोड़ा और आज उसी का परिणाम है कि राष्ट्रपति से मिलने का समय मिला है।