डॉक्टर की मौत के पीछे बड़े नेताओं का हाथ! मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी के उपाध्यक्ष जा सकते हैं जेल

डॉक्टर की मौत के पीछे बड़े नेताओं का हाथ! मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी के उपाध्यक्ष जा सकते हैं जेल

MUNGER : कासिम बाजार थाना के बेलन बाजार के रहने वाले होमियोपैथी डॉक्टर की मौत के बाद मामला काफी उलझ गया है. इसके पीछे कई बड़े लोगों के हाथ होने की संभावना जताई जा रही है. मुंगेर डीआईजी शफी उल हक ने इस मामले में जांच तेज कर दी है. इस मामले में जल्द ही सफेदपोश लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.


25 दिसम्बर को कासिम बाजार थाना क्षेत्र के बेलन बाजार निवासी डॉक्टर नजमुल हसन द्वारा किये गए कथित आत्महत्या कांड की गुत्थी लगातार उलझती जा रही है. 25 दिसम्बर को होमियोपैथी डॉक्टर नजमुल हसन ने अपने कमरे में फांसी लगा कर आत्म हत्या कर ली थी. लेकिन इससे पहले डॉक्टर ने शहर के कई नामचीन के खिलाफ अपनी ज़मीन पर कब्ज़ा करने का आरोप लगाते हुए सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसके बाद से लगातार शहर में चर्चा बनी हुई है. अब इस प्रकरण ने नया मोड़ ले लिया है. मुंगेर डीआईजी शफी उल हक ने इस केस से जुड़ी जांच तेज़ कर दी है.


मंगलवार को दूसरी बार डीआईजी शफीउल हक़ घटनास्थल पर जांच करने पहुंचे, जहां उन्होंने मृतक डॉक्टर नजमुल हसन के भतीजे सहित कई लोगों से पूछताछ की. डीआईजी शफीउल हक़ की मानें तो इस मामले में कई पेंच फंसे हुए हो सकते हैं. क्योंकि कई बड़े लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, जिसमें बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष ज़फर अहमद का नाम सामने आ रहा है. इसके अलावा मुंगेर के जमा मस्जिद के इमाम अबुदल्लाह बोखारी  का भी नाम सामने आ रहा है. 


मृतक होमियोपैथी डॉक्टर नजमुल हसन ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरे मरने का कारण अब्दुल्लाह बुखारी, ज़फर अहमद, अंजुम हसन, किश्वर बानो, सोहेल अहमद, इम्तियाज अहमद, हाफिज जमील अहमद, मोहम्मद अली, मोहम्मद अली की पत्नी निशही, अशरफ अली, अकील अहमद, छोटू, मोहम्मद फैज और इम्तियाज अहमद है. 


विआपई पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष ज़फर अहमद ने बताया कि "मामला अनुसंधान का है. पुलिस और कानून उचित जांच कर रही है, जो भी सच है वो सामने आएगा. मैं हर तरह से क़ानून का सम्मान करता हूँ." वहीं दूसरी ओर जमा मस्जिद के इमाम अबुदल्लाह बोखारी ने कहा कि "मेरा इस परिवार से कोई ताल्लुकात नहीं है. डीआईजी साहेब से मेरी मुलाकात हुई है, मैंने उनको भी सारी हकीकत बता दी है. उसके परिवार के लोगों का डॉक्टर से अच्छा ताल्लुकात नहीं था. अक्सर आने वाले मरीजों के साथ भी परिवार के लोग गलत व्यवहार गाली गलौज करते थे. मैं डॉक्टर की गली से भी कभी नहीं गुज़रा हूँ."


आपको बता दें कि सुसाइड नोट के अनुसार डॉ नजमुल हसन ने लिखा कि इन सभी लोगों ने मिलकर उनके साथ गलत सलूक किया था. मृतक डॉक्टर के सुसाइड नोट में लिखा हुआ है कि वह कासिम बाजार थाना क्षेत्र के बेलन बाजार बंगाली टोला में रहते हैं. वर्ष 1995 में कोतवाली थाना क्षेत्र के शाह कॉलोनी दिलावरपुर में 1080 स्क्वायर फीट( डेड कट्ठा) जमीन उन्होंने खरीदी थी. फिर वर्ष 1996 में 360 स्क्वायर फीट जमीन अटॉर्नी पावर के जरिए खरीदा था. शाहनवाज उल हसन ने बदरुन निशा नाम की महिला को जमीन बेचने का अटॉर्नी पावर दिया था. जिसके बाद मैंने बदरुन निशा से जमीन की खरीद की. मृतक ने लिखा है कि उन्होंने जमीन का मोटेशन नहीं कराया था सोचा था कि जब मकान बनाने लगेंगे उस वक्त मोटेशन करा लेंगे. जबकि शाहनवाज उल हसन ने अटॉर्नी पावर बदरुन निशा को देकर जमीन बिकवा दिया था. वहीं नजमुल हसन शाह कॉलोनी दिलावरपुर मुंगेर की जमीन का मोटेशन अभी तक नहीं कराया है. शाहनवाज हसन की नियत खराब हो गई जिसने 360 स्क्वायर फीट जमीन जो बदरुन निशा को अटॉर्नी पावर से बेचा गया था. उसी 360 स्क्वायर फीट जमीन को शहनवाज उल हसन ने  अपने नाम से मोटेशन कर लिया. यह प्लान मार्च 2020 ईस्वी से बन रहा था. 


मृतक डॉक्टर नजमुल हसन ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि सारे प्लान का मास्टरमाइंड यह सारे लोग हैं जिनका नाम सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है. अकील अहमद सोहेल अहमद का पुत्र अकील अहमद ज़मीन कब्ज़ा का प्लान बनाकर सभी को बताया और मुंबई भाग गया. इस प्लान में रियाजुल हसन, सिनम सुल्ताना,  जामा मस्जिद के पूर्व इमाम अब्दुल्ला बुखारी भी शामिल है. सुसाइड नोट में आगे लिखा गया है कि अब्दुल्ला बुखारी जामा मस्जिद के बगल में तस्वीज़उल कुरान नाम का मदरसा चलाते हैं,  लेकिन अब मदरसा चलाने का काम उन्होंने अपने बेटे को दे दिया है. अब्दुल्ला बुखारी चोर और बेईमान है. वो यतीमखाना के नाम पर चंदा लाकर अपना पॉकेट गर्म करता है, अब्दुल्ला बुखारी को शहनवाज़ उल हसन ने 360 स्क्वायर फीट बेचने का कागज तैयार करके रखा है. मृतक डॉक्टर नजमुल हसन ने अपने सुसाइड नोट में आगे लिखा है. इन सब के कारण वह सुसाइड कर रहे हैं. 


डीआईजी शफीउल हक़ ने कहा कि यह मामला पेचीदा लग रहा है. मृतक डॉक्टर  नजमुल हसन के भतीजा मेराजुल हैं को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. मामले की गहनता से जांच की जा रही है. इसमें जो सच है वो जल्द सामने आएगा. बताते चलें कि इस मामले से जुड़े कई सफेदपोश लोगों की नींद उड़ गई है.  सुसाइड नोट सामने आने के बाद से लोगों के बीच बेचैनी बढ़ी हुई है. वहीं पुलिस सुसाइड नोट में लिखे गए नाम के लोगों पर प्राथमिकी करने की तैयारी में जुट गई है.