लोकसभा चुनाव से BJP का बड़ा कदम : अब दूसरे पार्टी के नेता को नहीं मिलेगी सीधी एंट्री, पहले इस जांच को करना होगा पास

लोकसभा चुनाव से BJP का बड़ा कदम : अब दूसरे पार्टी के नेता को नहीं मिलेगी सीधी एंट्री, पहले इस जांच को करना होगा पास

PATNA : लोकसभा चुनाव में अब महज कुछ दिनों का समय शेष रह गया है। ऐसे में इस चुनाव को लेकर देश समेत राज्यों की तमाम छोटी - बड़ी राजनीतिक पार्टी अपनी चुनावी मंथन में जुटी हुई है। इस दौरान कई तरह के नए नियम और टास्क भी तय किए जा रहे हैं। ऐसे में बिहार अंदर विपक्ष में बैठी भाजपा ने भी एक बड़ा प्लान तैयार किया है। यह प्लान आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर तैयार किया गया है ताकि कोई इनका प्लान जानने की कोशिश करें तो इसका बड़े ही आसनी से जानकारी मिल सके। 


दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले दल बदलकर आने वाले नेताओं को अपनी पार्टी से जोड़ने से पहले भाजपा उनकी स्क्रीनिंग करेगी। राष्ट्रीय नेतृत्व ने इसके लिए पांच सदस्यीय समिति गठित कर दी है। यह समिति ही चुनाव के समय  बाहर से आने वाले नेताओं का स्क्रीनिंग करेगी और प्रदेश नेतृत्व को अपनी अनुशंसा देगी।


वहीं, प्रदेश नेतृत्व तभी किसी भी नए आगंतुक नेताओं को भाजपा की सदस्यता दिला पाएगी जब यह स्क्रीनिंग कमिटी उसके पक्ष में आकलन देगी। यह समिति उन नेताओं के इतिहास और करियर का आकलन करेगी और बताएगी कि भाजपा को उन्हें लेना चाहिए या नहीं। पार्टी के लिए उनकी उपयोगिता व उपादेयता का भी आकलन होगा।


मालूम हो कि,इस समिति की पहली बैठक छह जनवरी को है। उस बैठक में भाजपा का दामन थामने के इच्छुक कुछ नेताओं के बारे में आकलन होना है। इनलोगों का जब आकलन कर लिया जाएगा।उसके बाद भाजपा में इन्हें जगह मिलेगी। यदि इस दौरान किसी भी शख्स पर इस कमिटी के मेंबर को शक होता है तो फिर पार्टी उन्हें अपने साथ लाने से साफ़ इंकार करेगी। 


आपको बताते चलें कि, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की नेतृत्व वाली समिति में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर एवं पूर्व मंत्री नितिन नवीन सम्मिलित हैं। यह कमिटी इसलिए बनाई गयी है क्योंकि जदयू से अलग होने के बाद भाजपा को इस बार 15 सीटों पर नए कैंडिडेट उतारने हैं। ऐसे में जदयू, राजद, कांग्रेस एवं वामदल के साथ जुड़े कई नेताओं को टिकट मिलने की संभावना नहीं दिख रही है। लिहाजा टिकट हासिल होने की उम्मीद पाले कई वर्तमान सांसद भी भाजपा के संपर्क में हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि, वह पार्टी में ऐसे नेताओं को ही सम्मिलित करना चाहते हैं, जो लंबे समय तक वफादार रहें। भाजपा अब जल्दबाजी में किसी भी नेता को अपने दल में सम्मिलित नहीं करेगी।