DESK: लिव इन रिलेशनशिप को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने कहा कि बिना तलाक लिये कोई भी विवाहिता लिव इन रिलेशनशिप में नहीं रह सकती। ऐसे रिश्तों को यदि मान्यता दी गयी तो अराजकता बढ़ेगी।
हाईकोर्ट ने बताया कि हिन्दू विवाह अधिनियम के अनुसार यदि पति-पत्नी दोनों जीवित हैं और तलाक नहीं लिया है। तो ना तो पति दूसरी शादी कर सकता है और ना ही पत्नी ही दूसरी शादी कर सकती है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पति से तलाक लिए बिना कोई भी पत्नी अन्य के साथ लिव इन रिलेशन में नहीं रह सकती।
ऐसे रिश्तों को कोर्ट मान्यता नहीं दे सकता क्योंकि इससे अराजकता बढ़ेगी। न्यायमूर्ति रेनू अग्रवाल की अदालत ने लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाली विवाहिता की याचिका को खारिज कर दिया। बता दें कि याचिका दाखिल करने वाली महिला दो बच्चों की मां है। पति को बिना तलाक दिये वो दूसरे व्यक्ति के साथ लिव इन में रह रही है। मामला जब कोर्ट में आया तो याचिका को खारिज करते हुए कोर्ट ने दो हजार रूपये का जुर्माना महिला पर लगाया। कहा कि ऐसे रिश्तों को यदि मान्यता दी गयी तो अराजकता बढ़ेगी।