PATNA : जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए एक बार फिर से राजीव रंजन सिंह उर्फ़ ललन सिंह ने आज अपना नामकंकण पर्चा दाखिल किया है। जिसके बाद यह तय माना जा रहा है कि ललन सिंह निर्विरोध निर्वाचित होंगे। हालांकि, इनका निर्वाचन सात दिसंबर को होना है। इसको लेकर आज से निर्वाचन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। वैसे ललन सिंह वतर्मान में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं। इनको यह पद पिछले साल 31 जुलाई को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद आरसीपी सिंह की जगह दिया गया है।
दरअसल, जदयू के वतर्मान राष्ट्रीय अध्यक्ष करीब करीब ढेढ़ साल के बाद फिर से जदयू का कमान संभालने वाले हैं। इसको लेकर इनको आज राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए अपना नमांकन करवाया लिया है। वैसे पिछले सप्ताह खुद बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार ने इनके नाम का प्रस्ताव किया था। जिसके बाद यह तय माना जा रहा है कि, ललन सिंह फिर से पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का जा रहे है. बस इनका आधिकारिक एलान करने को लेकर तय समय का इंतजार किया जा रहा है।
गौरतलब हो कि, पिछले वर्ष 31 जुलाई से जब ललन सिंह ने पार्टी का कमान अपने हाथों में लिया है, तबसे पार्टी कई प्रकार के बदलाव देखने को मिला है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव नई गठबंधन के साथ सरकार बनाना और राज्यसभा से आरसीपी सिंह का छुट्टी करना शामिल है। इसके बाद नीतीश अब जो विपक्षी एकता की मुहीम चला रहे हैं, उसके पीछे भी इन्हीं का दिमाग बताया जा रहा है। हालांकि,उनकी सबसे बड़ी परीक्षा कुढ़नी में होने वाला उपचुनाव हैं, क्योंकि अबतक ललन सिंह के कार्यकाल में पार्टी ने किसी चुनाव का सामना नहीं किया है।
ऐसे में कुढ़नी में हो रहे विधानसभा उपचुनाव में पहला मौका है जब जदयू बिहार में ललन सिंह के कार्यकाल में अपने सिंबल पर चुनाव लड़ रही है। हालांकि, इसमें भी उन्हें 7 दलों का समर्थन मिल रहा है। लेकिन, इसके बाबजूद यह चुनाव ललन सिंह का असली अग्निपरीक्षा है। यह ललन सिंह के सांगठनिक कौशल की परीक्षा भी है। इसके साथ ही वर्ष 2024 में होने वाला लोकसभा ललन सिंह के लिए सबसे अहम है। जेडीयू को इस नए गठबंधन से कितना फायदा होता है, इस बात का जवाब इसी चुनाव में देखने को मिलेगा।