1st Bihar Published by: Updated Fri, 24 Dec 2021 08:12:22 AM IST
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PATNA : देश में महिलाओं के लिए शादी की न्यूनतम उम्र को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 साल करने के प्रस्ताव को मोदी कैबिनेट से मंजूरी मिलते ही इस पर हंगामा होना भी शुरू हो गया है। मोदी कैबिनेट की ओर से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर मुस्लिम विधायकों ने आपत्ति जताई है। पहले समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी और फिर झारखंड के मंत्री हफीजुल अंसारी ने केंद्र सरकार के इस फैसले पर एतराज जताया। तो वहीं अब जेडीयू नेता भी केंद्र सरकार के इस फैसले पर उनसे लॉजिक जानने के लिए आग्रह कर रहे हैं।
बता दें कि बिहार में बीजेपी-जेडीयू की सरकार चल रही है और जेडीयू नेता केंद्र सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले का तर्क देने की मांग करने लगे हैं। जेडीयू विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी ने कहा है कि केंद्र सरकार में जो लड़कियों की शादी की उम्र 18 की बजाय 21 की है तो इसके पीछे केंद्र सरकार को अपनी लॉजिक देना होगा कि आखिर यह फैसला किस लिए लिया गया है।
जेडीयू नेता बलियावी ने कहा है कि यदि देश में प्रजनन दर कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है, तो हमें लगता है कि हमारे नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस फैसले को सबसे पहले ले चुके हैं और देश बाद में ले रहा है, यानी पूरा देश बिहार का अनुसरण कर रहा है। जेडीयू नेता ने कहा केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है उसे हमें परेशानी नहीं है लेकिन सरकार को बताना चाहिए कि इससे फायदा क्या होगा।
गुलाम रसूल बलियावी यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि सबसे पहले जो सोशल साइट है सरकार उस सोशल साइट पर भी रोक लगाएं जिससे समाज पर बच्चे-बच्चियों पर असर पड़ रहा है और हमारे नेता इस सोशल साइट को बैन करने के लिए पहले से ही मांग करते रहे हैं।
इस फैसले को लेकर केंद्र सरकार ने तर्क दिया है कि शादी की उम्र बढ़ाकर महिलाओं के कम उम्र में मां बनने से उनके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले कुप्रभावों को रोकना चाहती है। जिसको लेकर जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि सरकार ने जो लॉजिक दिया है तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि महिलाओं के साथ जो आए दिन घटना घट रही है, इस लॉजिक के पीछे क्या रहस्य है।