PATNA : कोसी की त्रासदी में जो पुल टूट गया, वह वर्षों बाद आज तक नहीं बना. नीतीश सरकार ने कोसी त्रासदी के बाद उस इलाके में विकास के तमाम काम किए लेकिन इसके बावजूद एक पुल का निर्माण नहीं हो सका. यह बात आज मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में सामने आई. मुख्यमंत्री के सामने त्रिवेणीगंज से आए एक युवक ने कहा कि अब तक घोषित राशि में टूटे हुए पुल का निर्माण नहीं कराया गया है. इसकी वजह से लाखों की आबादी प्रभावित हो रही है.
मुख्यमंत्री के सामने जब यह मामला पहुंचा तो वह चौंक गए. उन्होंने तत्काल अपने सचिव दीपक कुमार को बुलाया और निर्देश दिया कि इस मामले को गंभीरता से लें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इस त्रासदी के बाद लोन लेकर इलाके में विकास का काम किया और इसके बावजूद यह काम कैसे छूटा रह गया. यह हैरत की बात है. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस मामले में विभागीय बैठक बुलाई जाए और पूरे स्थिति की समीक्षा की जाए.
बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज लगभग 150 लोगों की शिकायतों को सुनेंगे. इसके लिए पहले से लोगों ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है. सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू हुआ यह कार्यक्रम दोपहर तक चलेगा. बारी-बारी से शिकायतकर्ता सीएम से मिल रहे हैं और अपनी बात उनके सामने रख रहे हैं. सीएम नीतीश आज ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, कृषि, सहकारिता, पशु एवं मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, उद्योग, गन्ना उद्योग, नगर विकास एवं आवास, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, परिवहन, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, योजना एवं विकास, पर्यटन, भवन निर्माण, सूचना एवं जनसंपर्क, वाणिज्यकर और सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़े मामलों को सुन रहे हैं.
गौरतलब हो कि जनता दरबार में मुख्यमंत्री से अपनी शिकायत बताने के लिए आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. रजिस्ट्रेशन के बाद अप्वाइंटमेंट मिलने पर ही आप मुख्यमंत्री से मिल सकते हैं. मुख्यमंत्री से मिलने के लिए आपको वेबसाइट www.jkdmm.bih.nic.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है.
वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन के समय आवेदक को अपना नाम, पिता/पति का नाम, आधार नंबर, लिंग, जन्म का वर्ष, ईमेल और मोबाइल नंबर जैसी जानकारियां देनी होती है. इसके अलावा ओटीपी के जरिए रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद आपको अपनी शिकायत के बारे में भी संक्षिप्त रूप से जानकारी देनी होती है. फिलहाल कोविड गाइडलाइन के कारण जनता दरबार में एक बार सीमित लोगों को ही बुलाया जाता है.