कोलकाता से पटना लाये गए 9 आतंकवादी, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच NIA कोर्ट में हुई पेशी

कोलकाता से पटना लाये गए 9 आतंकवादी, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच NIA कोर्ट में हुई पेशी

PATNA : इस वक़्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोलकाता से 9 आतंकियों को पटना लाया गया है. ये सभी आतंकी बोधगया और वर्धमान बम ब्लास्ट मामले में सजा काट रहे हैं. पटना में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में इनकी पेशी कराई गई है. एनआईए ने कोर्ट से इन आतंकियों को रिमांड पर लेने की गुहार लगाई है.


पटना में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में जिन 9 आतंकवादियों की पेशी हुई, उसमें से 5 आतंकी बोधगया बम ब्लास्ट मामले में सजायाफ्ता हैं. जबकि चार ऐसे आतंकी हैं, जिन्होंने बंगाल में वर्धमान में बम ब्लास्ट की बड़ी घटना को अंजाम दिया. आपको बता दें कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इन आतंकियों को कोलकाता से बिहार लाया गया है. एयरपोर्ट पर भी काफी पुख्ता इंतजाम किये गए हैं. अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की गई है.


आपको बता दें कि बोधगया सीरियल बम ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट की विशेष अदालत ने 2018 में पांच आतंकी को कोर्ट ने दोषी करार दिया था. एनआईए कोर्ट की विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार सिन्हा ने 25 मई को आंतकी मानते हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, अजहरुउद्दीन ,उमर सिद्दकी, इम्तियाज अंसारी और मुजीबुल्लाह को दोषी करार दिया था.


गौरतलब हो कि 7 जुलाई 2013 को बोधगया में हुए नौ धमाकों में छह आरोपियों के खिलाफ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. इस धमाके में एक तिब्बती बौद्ध भिक्षु और म्यांमार के तीर्थ यात्री घायल हो गए थे. एनआईए ने जांच मे यह भी माना है कि रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई का बदला लेने के लिए गया मे ब्लास्ट किया गया था.


ब्लास्ट के लिए हैदर ने रायपुर में रहने वाले सिमी के सदस्य उमर सिद्दीकी से संपर्क किया था. हैदर रायपुर गया था. राजा तालाब स्थित एक मकान में जिहाद के नाम पर प्रवचन दिया गया. हैदर को बम विस्फोट का सामान भी वही दिया गया. हैदर ने ब्लास्ट के पहले बोधगया का पांच बार दौरा किया. वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था और उसके साथ ही आतंकी संगठन सिमी के सदस्य थे. हैदर ने बौद्ध भिक्षु बनकर मंदिर में प्रवेश किया था. 


इसी तरह पिछले साल बर्धमान बम ब्लास्ट केस में एनआईए की विशेष अदालत ने बुधवार को बांग्लादेश के प्रतिबंधित जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) आतंकवादी समूह के चार आतंकवादियों को सात साल कैद की सजा सुनाई, जो जेल में सजा काट रहे हैं. गौरतलब हो कि वर्धमान जिले के खगड़ागढ़ गांव में 2 अक्तूबर, 2014 को एक आईडी बनाते वक्त दुर्घटनावश हुए विस्फोट में दो लोग मारे गए थे.


इस मामले में 31 लोगों को आरोपी के तौर पर नामजद किया गया था. इनमें से 24 ने वर्ष 2019 में दो अलग-अलग मौकों पर अपना अपराध स्वीकार कर लिया था. वहीं, पिछले साल स्पेशल एनआईए अदालत ने चार बांग्लदेशी नागरिकों समेत 19 लोगों को 2014 वर्धमान ब्लास्ट केस में दोषी ठहराया था.