PATNA : खेत में कृषि अवशेष यानी पराली जलाए जाने के मुद्दे पर राज्य सरकार गंभीर हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के मुख्य सचिव को यह निर्देश दिया है कि वह हेलीकॉप्टर से इस बात की चेकिंग करें कि राज्य के किस इलाके में खेतों के अंदर पराली जलाई जा रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए यह निर्देश दिया है.
सीएम ने कहा है कि कृषि अवशेष को खेतों में जलाए जाना पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदेह है, हमने लगातार जागरूकता अभियान चलाकर किसानों को यह बात समझाने की कोशिश की, बावजूद इसके लगातार बिहार में भी किसान खेतों के अंदर कृषि अवशेष यानी पराली जला रहे हैं, इस बात को गंभीरता से लेने की जरूरत है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सेक्रेटरी इस बात को खुद देखें. इसके लिए राज्य सरकार का हेलीकॉप्टर तीन-चार दिन बुक करें और खुद बिहार के सभी जिलों का हवाई सर्वेक्षण करें. बांका से लौटते वक्त खुद खेतों में कृषि अवशेष जलाने का गवाह बने मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें बड़े पैमाने पर ऐसा नजारा दिखा कि खेतों के अंदर पराली या तो लाई गई है या फिर कृषि के अवशेष जलाने के बाद वहां रख जमा है.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इसके लिए आवश्यक हो तो पर्यावरण के और कृषि के जानकार लोगों की भी मदद ली जाए लेकिन किसी भी कीमत पर खेतों के अंदर कृषि अवशेष ना जलाए जाएं, यह सुनिश्चित किया जाए. मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि समाचार पत्रों और मीडिया के जरिए भले ही जागरूकता अभियान के विज्ञापन प्रसारित किये जाते हैं लेकिन यह बात जमीनी स्तर पर जाकर किसानों को समझाने की आवश्यकता है. नीतीश ने कहा कि अगर किसानों तक पहुंचकर जागरूकता फैलाई जाए कि पराली खेतों में जलाने से कितना नुकसान है, इस बात को शायद लोग समझ जाएंगे.