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1st Bihar Published by: Updated Sun, 29 Mar 2020 10:46:43 AM IST
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DESK : लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज दूसरा दिन है. छठ पूजा का अति विशेष महत्व है.परिवार के सुख शांति और समृधि के साथ ही संतान प्राप्ति और संतान की रक्षा के लिए किया जाता है. छठ पूजा करने की प्रथा ऋग्वेद काल से चली आ रही है. आज के दिन को खरना कहते है. आज व्रती महिलाएं और पुरुष दिनभर निर्जला व्रत रखते है.
शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और चावल की खीर और रोटी बनाते है. छठ माता की पूजा करने के बाद व्रती रोटी और खीर के साथ मौसमी फल छठ माता को चढ़ाती हैं. बाद में व्रती खुद भी इस प्रसाद को ग्रहण करते है और परिवार के बाकी लोगों को भी प्रसाद बांटती है. प्रसाद बनाने में विशेष ख्याल रखा जाता है. खरना का प्रसाद हमेशा मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ियों का इस्तेमाल करके बनाया जाता है. खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.
खरना के बाद आसपास के लोग भी व्रतियों के घर पहुंचते हैं और मांगकर प्रसाद ग्रहण करते हैं. गौरतलब है कि इस प्रसाद के लिए लोगों को बुलाया नहीं जाता बल्कि लोग खुद व्रती के घर पहुंचते हैं.