Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bengaluru Stampede: विराट कोहली के खिलाफ थाने में शिकायत, बेंगलुरू हादसे को लेकर FIR दर्ज करने की मांग Bengaluru Stampede: विराट कोहली के खिलाफ थाने में शिकायत, बेंगलुरू हादसे को लेकर FIR दर्ज करने की मांग Buxar News: अजय सिंह के नेतृत्व में भारत प्लस इथेनॉल प्लांट की बड़ी उपलब्धि, सफलतापूर्वक विकसित किया CO2 स्टोरेज सिस्टम Buxar News: अजय सिंह के नेतृत्व में भारत प्लस इथेनॉल प्लांट की बड़ी उपलब्धि, सफलतापूर्वक विकसित किया CO2 स्टोरेज सिस्टम Bihar News: बिहार में सबसे सस्ता गोल्ड रेट और मेकिंग चार्ज लेकर आया श्री हरी ज्वेलर्स, मौका कहीं छूट न जाए Bihar News: बिहार में सबसे सस्ता गोल्ड रेट और मेकिंग चार्ज लेकर आया श्री हरी ज्वेलर्स, मौका कहीं छूट न जाए Patna News: पटना में यहां मिल रहा खादी के कपड़ों पर आकर्षक डिस्काउंट, खरीदने के लिए उमड़ रही भारी भीड़ Patna News: पटना में यहां मिल रहा खादी के कपड़ों पर आकर्षक डिस्काउंट, खरीदने के लिए उमड़ रही भारी भीड़
1st Bihar Published by: Updated Sun, 29 Mar 2020 10:46:43 AM IST
- फ़ोटो
DESK : लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज दूसरा दिन है. छठ पूजा का अति विशेष महत्व है.परिवार के सुख शांति और समृधि के साथ ही संतान प्राप्ति और संतान की रक्षा के लिए किया जाता है. छठ पूजा करने की प्रथा ऋग्वेद काल से चली आ रही है. आज के दिन को खरना कहते है. आज व्रती महिलाएं और पुरुष दिनभर निर्जला व्रत रखते है.
शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गुड़ और चावल की खीर और रोटी बनाते है. छठ माता की पूजा करने के बाद व्रती रोटी और खीर के साथ मौसमी फल छठ माता को चढ़ाती हैं. बाद में व्रती खुद भी इस प्रसाद को ग्रहण करते है और परिवार के बाकी लोगों को भी प्रसाद बांटती है. प्रसाद बनाने में विशेष ख्याल रखा जाता है. खरना का प्रसाद हमेशा मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ियों का इस्तेमाल करके बनाया जाता है. खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाता है.
खरना के बाद आसपास के लोग भी व्रतियों के घर पहुंचते हैं और मांगकर प्रसाद ग्रहण करते हैं. गौरतलब है कि इस प्रसाद के लिए लोगों को बुलाया नहीं जाता बल्कि लोग खुद व्रती के घर पहुंचते हैं.