HAJIPUR: लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत के बाद लोजपा रामविलास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का राजनितिक कद बढ़ गया है। उन्हें मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का जिम्मा मिला है। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद चिराग पासवान रविवार को पहली बार हाजीपुर पहुंचे जहां लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। जेसीबी से फूलों की बारिश की गयी। अपने नेता को देख कार्यकर्ता काफी उत्साहित थे। चिराग पासवान जिंदाबाद के नारों से पूरा हाजीपुर गूंज उठा।
कार्यकर्ताओं और हाजीपुर की जनता के इस प्यार को देख चिराग पासवान भावुक हो गये। चिराग पासवान ने कहा कि जिस तरह से मेरे नेता जी रामविलास पासवान ने विभिन्न विभागों की जिम्मेदारी निभाते हुए गरीबों के लिए काम किया था। उसी तरह से मैं भी गरीबों के लिए काम करूंगा। एक सांसद के तौर पर यह मेरी जिम्मेदारी भी है। चिराग ने आगे कहा कि मैंने अपने लोकसभा क्षेत्र हाजीपुर की समस्याओं पर काम करने भी शुरू कर दिया है। यहां बंद होने जा रहे केंद्रीय विद्यालय को फिर से शुरू करवाएंगे। इलाके में बस स्टैंड की समस्या है उसे भी बनवाया जाएगा।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने जमुई की अपनी पुरानी सीट छोड़ इस बार दिवंगत पिता रामविलास पासवान की परम्परागत सीट हाजीपुर से चुनाव लड़ा था और चुनाव में बड़ी जीत दर्ज भी हासिल की। पांच सीट पर उनकी पार्टी ने बिहार में लोकसभा का चुनाव लड़ा और पांचों में पांचों सीट पर विजय हासिल की। इस जीत के बाद चिराग पासवान को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी उन्हें दी गयी है। केंद्रीय मंत्री बनने के बाद चिराग पासवान पहली बार अपने लोकसभा क्षेत्र हाजीपुर पहुंचे थे। जहां हाजीपुर की जनता और पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।
इस दौरान मंच को चिराग पासवान ने संबोधित किया और स्थानीय समस्याओं को लेकर चिंता जतायी। कहा कि जल्द ही हाजीपुर की सभी समस्याओं का निदान होगा। चिराग पासवान ने क्षेत्र में स्कूल, बस स्टैंड, ऑडिटोरियम और साफ-सफाई जैसी समस्याओं को लेकर कहा कि इन समस्याओ को लेकर हमने काम करना भी शुरू कर दिया है। चिराग पासवान ने पिता रामविलास पासवान की उपलब्धियों और उनके किये गए कामों का जिक्र करते हुए कहा कि बेशक वे केंद्रीय मंत्री हैं लेकिन सांसद के तौर पर स्थानीय समस्याओं पर भी उनकी नजर है। साफ है कि चिराग पासवान भी यह बात समझ रहे हैं कि राजनीति या केंद्र की सत्ता का रास्ता इसी रास्ते से होकर जाता है। जिस पर चलकर चिराग पासवान सांसद बने और फिर केंद्रीय मंत्री बने हैं। बड़ी बात ये भी है कि चिराग के सामने अपने पिता के बड़े लकीर को पाटने की भी चुनौती है। जिसे रामविलास पासवान ने अपने लम्बे राजनितिक जीवन में हाजीपुर में बनाया। अब देखना यह होगा की लोकसभा चुनाव की पहली परीक्षा में लंबी छलांग लगाने वाले चिराग पासवान हाजीपुर का कितना विकास कर पाते हैं।