PATNA: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय को पटना हाईकोर्ट से बडी राहत मिली है. पटना हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के खिलाफ एक मामले में निचली अदालत की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है. मामला सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का है, जिसमें बिहार पुलिस ने नित्यानंद राय के खिलाफ चार्जशीट दायर कर रखी है।
पटना हाईकोर्ट में जस्टिस संदीप कुमार की बेंच ने नित्यानंद राय की ओर से जारी याचिका पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत में चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दिया है. अदालत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के वकील की दलीलें सुनने के बाद कहा कि मामला संदिग्ध लग रहा है इसलिए तत्काल इस पर रोक लगायी जाती है. इस मामले में अगली सुनवाई जुलाई 2023 में होगी, जिसमें हाईकोर्ट आगे का आदेश जारी करेगी।
नित्यानंद राय पर क्या था आरोप
दरअसल मामला 2018 का है, जब नित्यानंद राय बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हुआ करते थे. अररिया के नरपतगंज में वे एक सभा को संबोधित करने गये थे. प्रशासन ने आरोप लगाया था कि नित्यानंद राय ने सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने वाला भाषण दिया है. इसके बाद नरपतगंज के अंचलाधिकारी ने स्थानीय थाने में नित्यानंद राय के विरुद्ध 9 मार्च, 2018 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी. पुलिस ने चार साल बाद 13 अप्रैल 2022 को इस मामले में नित्यानंद राय के खिलाफ अररिया की सीजेएम कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया था. इसके बाद सीजेएम कोर्ट ने नित्यानंद राय के खिलाफ संज्ञान लेते हुए थाना प्रभारी को उन्हें समन जारी करने का निर्देश दिया था।
अररिया कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ नित्यानंद राय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. उनके वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि प्रशासन ने गलत एफआईआर दर्ज किया है. सांप्रदायिक सद्भाव बिगाडने का आरोप उन पर लागू ही नहीं होता. हाईकोर्ट में कहा गया कि नित्यानंद राय ने अपने भाषण में किसी प्रकार से सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने का काम नहीं किया है. उन्होंने एक विदेशी आतंकवादी को लेकर अपनी बातें कही थीं. हाईकोर्ट में कहा गया कि मामला 2018 में दर्ज किया गया और अररिया कोर्ट ने इस मामले का संज्ञान 2022 में लिया. नित्यानंद राय के वकील की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है।