PATNA : बिहार में अब विधायक जी और पार्षद साहब की पावर कम हो गई। अब पहले की तरह यह लोग गांव के गली-मोहल्ले को चकामने के लिए सोलर लाइट नहीं लगवा सकेंगे। यानी अब यह लोग ग्रामीणों अपनी बात लेकर विधायक जी के पास भी जाकर मदद नहीं कर पाएंगे। इसकी वजह यह है कि अब विधायक जी के पास भी यह पावर नहीं रहा कि वह ग्रामीण इलाकों में सोलर लाइट लगवा सकें। आइए जानते हैं कि पूरी खबर क्या है ?
दरअसल, विधायक और विधान पार्षद अब विधायक निधि से ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर लाइट नहीं लगवा पाएंगे। इस योजना पर फिलहाल रोक लगा दी गयी है। यानी मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना में अब सोलर लाइट नहीं लगेंगी। योजना एवं विकास विभाग ने इसके कार्यान्वयन पर रोक लगाने का फैसला किया है। इसकी वजह यह बताई गई है कि सोलर लाइट लगाने की योजना पंचायती राज विभाग संचालित करती है। ऐसे में अब ब्रेडा के सहयोग से चयनित एजेंसी यह काम कर रही है।
लिहाजा योजना विकास विभाग द्वारा भी यही काम किया जाएगा, जिससे कार्यान्वयन में दोहराव का खतरा बना रहेगा। इसकी कई स्थानों पर शिकायत भी आई थी की पंचायती राज विभाग और योजना विकास विभाग दोनों के तरफ से काम किया जा रहा है.जिसके बाद अब सरकार ने यह निर्णय लिया है कि इसका काम पंचायती राज विभाग ही करेगा।
बता दें कि योजना एवं विकास विभाग ने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना में ग्रामीण सोलर लाइट का प्रावधान खत्म कर दिया। मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना का मुख्य उद्देश्य शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संतुलित विकास लाने के लिए आधारभूत संरचनाओं का निर्माण है। विभागीय बजट के आधार पर इसका कार्यान्वयन होता है। इस समय प्रत्येक विधायक-विधान पार्षद हर साल 4-4 करोड़ की अनुशंसा कर सकते हैं।