DESK : इस साल महाशिवरात्रि कल यानी 01 मार्च दिन मंगलवार को है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि व्रत रखते हैं. महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा और व्रत रखने का विशेष महत्व होता है. महाशिवरात्रि को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. मंदिर और बाजारों में रौनक बढ़ गई है. पटना में इसको लेकर जोर शोर से तैयारी चल रही है.
महाशिवरात्रि को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं. एक कथा के अनुसार माता पार्वती ने शिव को पति रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी. जिसके फलस्वरूप फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को माता पार्वती का विवाह भगवान शिव से हुआ. इसी कारण इस दिन को अत्यन्त ही महत्वपूर्ण माना जाता है.
महाशिवरात्रि 1 मार्च को मनाई जाएगी बेल के पत्ते महाशिवरात्रि पूजा सामग्री का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो पूजा के दिन ही नहीं तोड़े जाने चाहिए. यहां जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व
पूजा के लिए निम्नलिखित चीजें आवश्यक हैं:
- शिव लिंग या भगवान शिव की एक तस्वीर
- बैठने के लिए ऊन से बनी चटाई
- कम से कम एक दीपक
- कपास की बत्ती
- पवित्र बेल
- कलश या तांबे का बर्तन
- थाली
- शिव लिंग रखने के लिए सफेद कपड़ा
- माचिस
- अगरबत्तियां
- चंदन का पेस्ट
- घी
- कपूर
- रोली
- बेल के पत्ते (बेलपत्र)
- विभूति- पवित्र आशु
- अर्का फूल
महाशिवरात्रि पर्व के यदि धार्मिक महत्व की बात की जाए तो महाशिवरात्रि शिव और माता पार्वती के विवाह की रात्रि मानी जाती है. मान्यता है इस दिन भगवान शिव ने सन्यासी जीवन से ग्रहस्थ जीवन की ओर रुख किया था. महाशिवरात्रि की रात्रि को भक्त जागरण करके माता-पार्वती और भगवान शिव की आराधना करते हैं. मान्यता है जो भक्त ऐसा करते हैं उनकी सभी मनोकामना पूरी होती है.