KAIMUR : जिला पुलिस ने एक झूठे अपहरण के मामले का खुलासा किया है. पुलिस ने इस मामले में अपहृत चावल व्यवसाई सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 2 लाख रुपये की फिरौती के रकम को भी बरामद किया है. इसके अलावा एक बाइक और फिरौती मांगे जाने वाली एक मोबाइल को पुलिस ने जब्त किया है.
मामला कैमूर जिले के भभुआ इलाके का है. जहां बीते 21 नवंबर को भभुआ वार्ड नंबर 3 के विवेक कुमार के अपहरण करने की बात उनके परिजनों द्वारा पुलिस को बताई गई थी. जिसमें कहा गया था कि विवेक शाम छह बजे घर से पैदल निकला और पूरी रात नहीं आया उसका मोबाइल भी बंद है और उसके अगले दिन अपहरणकर्ता द्वारा उसके मोबाइल से फोन कर ढाई लाख रुपए फिरौती के रूप में मांग की जाने लगी. पैसे नहीं देने या पुलिस को सूचना देने पर विवेक को जान से मारने की धमकी दी जा रही है.
विवेक चावल का धंधा करता था. पुलिस वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर मामले की तहकीकात कर रही थी. तभी अपहरणकर्ता कल फिरौती की रकम लेकर कुदरा रेलवे ओवरब्रिज पर बुलाएं जहां पुलिस भी शादी ड्रेस में अपहरणकर्ताओं को पकड़ने के लिए लगी हुई थी. लेकिन जैसे यह बात अपहृत विवेक के परिजनों को सूचना मिली तुरंत उसने पुलिस को मना कर दिया जिससे कि उसकी भाई की जान बच सकें. लेकिन फिर भी पुलिस गोपनीय ढंग से इस घटना में लगी हुई थी. फिरौती की रकम लेने के बाद अपहरणकर्ता कुदरा से रोहतास जिले की तरफ तेजी से बाइक से भागने लगे. पुलिस भी सादे ड्रेस में उन लोग का पीछा कर रही थी.
फिरौती की रकम लिए लगभग दो घंटे होने के बाद भी जब अपहृत विवेक को अपहरण कर्ताओं ने नहीं छोड़ा तो एसपी के आदेश पर उनका पीछा कर रहे पुलिसकर्मियों ने बाइक से भाग रहे दो अपहरणकर्ता को धर दबोचा. जिसमें पहचान करने पर एक अपहृत विवेक मिला और दुसरा उसका साथी था. पुलिस ने उसे गहराई से पूछताछ करना शुरू किया. पहले तो वह दूसरे के द्वारा अपहरण होने की बात बता कर पुलिस को चकमा देना चाहा, लेकिन पुलिस की दबिश के आगे वह सच्चाई बताया की वह चावल का धंधा करता था. लॉकडाउन में उसका धंधा अच्छा नहीं चला और उसे काफी नुकसान हुआ जिसके बाद वह घर से पैसे रखने के लिए अपने दोस्त के साथ मिलकर ढाई लाख रुपए का फिरौती मांगा फिर दो लाख रुपये पर बात तय हुआ. फिर पुलिस ने पकड़ लिया.
कैमूर एसपी दिलनवाज अहमद ने बताया एक चावल व्यवसाई का अपहरण का मामला संज्ञान में आया था. जहां अपहृत हुए विवेक कुमार के परिजनों ने पुलिस से हस्तक्षेप करने की मांग नहीं की. उन लोग का कहना था अपहरण कर्ता द्वारा ढाई लाख रुपए की मांग की गई है फिर दो लाख रुपये पर वे लोग मान गए हैं. हम लोग पैसा देने जा रहे हैं लेकिन इतने कम पैसे के लिए अगर पुलिस के हस्तक्षेप से मेरे भाई की जान चली जाती है तो इसका जिम्मेदार पुलिस होगा. फिर पुलिस अपने रिस्क पर सादे ड्रेश में लगी हुई थी. पुलिस की तत्परता से अपहरण का पर्दाफाश हुआ और अपने ही अपहरण के झूठे नाटक करने और फिरौती रकम मांगने और फिरौती की रकम के साथ पकड़े जाने के आरोप में विवेक और उसके सहयोगी शम्भु शरण के विरूध मामला दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है.