PATNA : कोर्ट द्वारा तलब किए जाने के बाद भी हाजिर नहीं होने पर नाराज हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राज्य मंत्रालय के अवर सचिव पर ₹5000 का अर्थदंड लगाया है। जस्टिस पी बी बजंत्री व जस्टिस जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने सुजीत सुमन द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है।
दरअसल, पिछले ही दिनों पटना हाईकार्ट ने तारीख पर उपस्थित नहीं होने के लिए शिक्षा विभाग के अवर सचिव पर अर्थदंड लगाया था। इसके बाद अब केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राज्य मंत्रालय के अवर सचिव पर अर्थदंड लगाया गया है। यह मामला केंद्रीय एससीसी परीक्षा में चयन होने के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय में याचिकाकर्ता की नियुक्ति से जुडा हुआ है।
इस मामले में कोर्ट ने अगस्त 2021 में केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि दो महीने के अंदर याचिकाकर्ता की बहाली के संदर्भ में एक ठोस निर्णय लें। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी अब तक निर्णय नहीं लिया जा सका। इसीलिए अवमानना की यह याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि, उसका एससीसी परीक्षा से चयन होने के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय में लोअर डिविजन क्लर्क की बहाली हेतु अनुशंसित किया गया था।
इसके बाद सड़क परिवहन एवं राज्य मंत्रालय ने याचिकाकर्ता को बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन के तहत काम करने को भेजा जहां उसे मेडिकल के रूप से अनफिट घोषित किया गया। वहीं, अपने कैरियर को अधर में लटका देख याचिकाकर्ता ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया। जिसके बाद कोर्ट ने दो महीने के अंदर याचिकाकर्ता की बहाली के संदर्भ में एक ठोस निर्णय का आदेश दिया।
इधर, आदेश का दो साल से अनुपालन नहीं होने पर नाराज खंडपीठ में चार जुलाई 2023 को अंडर सेक्रेट्री को हाजिर होने का आदेश दिया था। लेकिन आदेश के बाद भी यह सुनवाई में हाइकोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। जिसके बाद कोर्ट ने इनको अर्थदंड लगाया है। इस मामले में एडीशनल सॉलीसीटर जनरल डॉक्टर के एन सिंह ने कोर्ट को बताया कि संबंधित वकील की गलती से अंडर सेक्रेट्री को कोर्ट के आदेश को प्रेषित नहीं किया जा सका।