जूनियर डॉक्टर और MBBS इंटर्न का आज से कार्य बहिष्कार, PMCH समेत सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में OPD सेवा प्रभावित

जूनियर डॉक्टर और MBBS इंटर्न का आज से कार्य बहिष्कार, PMCH समेत सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में OPD सेवा प्रभावित

PATNA :  पीएमसीएच समेत राज्यभर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर और मेडिकल इंटर्न आज से कार्य बहिष्कार करेंगे. वे न तो ओपीडी में और न ही इमरजेंसी में अपनी सेवा देंगे. यह घोषणा जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन, बिहार के अध्यक्ष डॉ. कुंदन सुमन ने रविवार शाम को की.


डॉ. कुंदन सुमन कहा कि इससे सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था बिगड़ने की आशंका बढ़ गई है. संघ ने सरकार के समक्ष पांच मांगें रखी हैं. उन्होंने बताया कि मांग को पहले भी स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष रखा गया था. बता दें कि अक्टूबर में इंटर्न छात्रों ने मानदेय 15 हजार से 24 हजार करने के लिए कार्य का बहिष्कार भी किया था. स्वास्थ्य विभाग के आश्वासन पर उसे एक दिन में ही खत्म कर दिया गया है. इसके अलावा कोरोना काल के एक माह का ज्यादा मानदेय प्रोत्साहन राशि के रूप में देना हो या DM या MCH जैसे हायर कोर्स करने के लिए पीजी कोर्स के बाद एक साल की नौकरी के बांड से मुक्ति का मामला सभी पहले से हेल्थ डिपार्टमेंट के संज्ञान में हैं. बार-बार कोशिश करने के बाद भी सरकार इन मामलों पर कोई सकारात्मक पहल नहीं कर रही है. इसलिए वे अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर रहे हैं.


बता दें पीएमसीएच के प्राचार्य डा विद्यापति चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव के स्तर से छात्रों की तीनों मांगों की पूर्ति के लिए फाइल अपर मुख्य सचिव कार्यालय भेजी जा चुकी है. जल्द ही उनकी तीनों मांगें पूरी कर दी जाएंगी. ऐसे में मरीजों की सेवा बाधित करने का निर्णय मानवीय और चिकित्सकीय दृष्टिकोण से उचित नहीं है. छात्रों को प्रक्रिया पूरी करने का इंतजार करना चाहिए.


इन मांगो को लेकर होगा बहिष्कार:- 

1.कोरोना द्वितीय लहर के दौरान घोषित प्रोत्साहन राशि जूनियर डाक्टरों व इंटर्न को अबतक नहीं मिली है.

2.इंटर्न छात्रों के स्टाइपेंड जिसे जनवरी 2020 में पुनरीक्षित किया जाना है था, उसे तुरंत 15 से बढ़ाकर 24 हजार किया जाए.

3.एमडी-एमएस डिप्लोमा करने वाले छात्रों का यदि हायर कोर्स में नामांकन होता है तो उन्हें सरकारी अस्पताल में एक साल काम करने के बांड से मुक्त किया जाए या स्टडी लीव दी जाए। साथ ही बांड के तहत सभी को समान पद पर पदस्थापित किया जाए.

4.नीट पीजी काउंसलिंग जल्द हो, इसके लिए बिहार सरकार, केंद्र से बात करे.  

5.नीट पीजी में देरी से उत्पन्न डाक्टरों की कमी दूर करने के लिए नन एकेडमिक जूनियर रेजिडेंट की बहाली की जाए.