PATNA: बिहार के झंझारपुर में एक एडीजे के चेंबर में घुसकर दो पुलिस अधिकारियों द्वारा जज पर हमले और पिटाई के मामले की सीआईडी ने जांच शुरू कर दी है. आज अचानक से झंझारपुर पहुंची सीआईडी की टीम ने बंद कमरे में हमले के शिकार बने एडीजे (प्रथम) अविनाश कुमार से तीन घंटे तक पूछताछ की. जज से पूछताछ की पूरी वीडियो रिकार्डिंग की गयी.
गौरतलब है कि हाईकोर्ट की सहमति से सरकार ने इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी है. हाईकोर्ट ने कहा है कि सीआईडी के एसपी इस मामले की जांच करें और उसमें मधुबनी पुलिस का कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिये. उसके बाद सीआईडी की टीम एक्शन में आय़ी है.
बंद कमरे में जज से पूछताछ
झंझारपुर कोर्ट में आज सीआइडी के आने की सूचना को गुप्त रखा गया था. दोपहर करीब 12 बजे सीआइडी की पूरी टीम कोर्ट पहुंची. इस टीम में सीआईडी के एसपी शैलश, एएसपी राजेश कुमार के साथ दो इंस्पेक्टर और दो वीडियोग्राफर थे. सीआईडी की पूरी टीम एडीजे(वन) अविनाश कुमार के चेंबर में पहुंची. फिर उनसे बंद कमरे में पूछताछ शुरू हुई. सीआईडी की टीम करीब तीन घंटों तक बंद कमरे में कैमरे के सामने जज से पूछताछ करती रही. उनसे घटना के संबंध में पूरी जानकारी ली गयी.
पूछताछ के बाद बाहर निकले सीआईडी अधिकारियों ने इस बाबत कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. एडीजे वन अविनाश कुमार से पूछताछ के बाद सीआईडी की टीम एसीजेएम प्रथम अजय शंकर प्रसाद के कक्ष में पहुंची. हालांकि एसीजेएम उस समय इजलास में न्यायिक कार्य कर रहे थे. जब वे वापस अपने चेंबर में पहुंचे तो सीआईडी की टीम ने उनसे लगभग 10 मिनट तक बात की औऱ फिर वहां से निकल गयी. सीआइडी के एसपी ने कहा कि उन्होंने घटना के संबंध में एडीजे अविनाश कुमार से बात की है. घटना को लेकर एसीजेएम से भी बात होनी है. हालांकि एसीजेएम न्यायिक काम में व्यस्त थे लिहाजा सीआईडी की टीम फिर से आकर उनसे बात करेगी.
गौरतलब है कि पिछले 18 नवंबर को एडीजे अविनाश कुमार प्रथम के कक्ष में पुलिसकर्मियों ने हमला कर दिया था. शोर शराबा सुनकर एडीजे के कक्ष में घुसे वकीलों ने देखा था कि घोघरडीहा के तत्कालीन थानाध्यक्ष गोपाल कृष्ण और एसआइ अभिमन्यु कुमार शर्मा एडीजे के साथ गाली गलौज औऱ मारपीट कर रहे हैं. दरोगा ने जज पर पिस्तौल भी निकाल रखा था. इसके बाद एडीजे ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी जिसमें दोनों पुलिसवालों पर चेंबर में घुसकर हमला करने, मारपीट करने, पिस्तौल तानने आरोप लगाए गए थे. इस घटना के बाद आक्रोशित वकीलों ने दोनों पुलिसवालों को जमकर पीटा भी था. जज पर हमले के आरोपी पुलिसवालों ने एडीजे पर ही गंभीर आरोप लगा दिये थे. इस मामले पर पटना हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था और हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हो रही है. हाईकोर्ट की मंजूरी पर मामले की सीआईडी से जांच करायी जा रही है.