PATNA: पिछले सोमवार को फर्स्ट बिहार ने सबसे पहले ये खबर थी कि जेडीयू की बैठक में ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच जमकर बहसबाजी हुई है. उसके बाद देश भर की मीडिया में जेडीयू में मचे घमासान की खूब चर्चा हो रही है. मामला सोमवार का है. पांच दिनों तक इस मसले पर चुप्पी साधे रखने के बाद अशोक चौधरी ने शुक्रवार को सफाई दी. मीडिया से कहा- ललन सिंह का आर्डर तो मेरे लिए सर्वोपरि है. वे कहेंगे कि लेफ्ट जाओ तो लेफ्ट जाऊंगा, वे कहेंगे कि राइट जाओ तो राइट जाऊंगा.
खास बात ये भी है कि अशोक चौधरी अपने उस कार्यक्रम के दौरान ये बात कह रहे थे, जिसका पूरे जेडीयू ने बहिष्कार कर दिया था. बरबीघा के अशोक चौधरी के कार्यक्रम में जेडीयू का कोई जिला पदाधिकारी तक नहीं पहुंचा था. ना ही महागठबंधन की पार्टियों राजद और कांग्रेस के पदाधिकारी पहुंचे थे.
कुछ लोग ललन सिंह से मेरे प्रेम में बाधा डाल रहे हैं
वैसे, अशोक चौधरी आज बरबीघा के अपने बहुचर्चित कार्यक्रम के दौरान मीडिया के सामने आये. सोमवार से लेकर अब तक वे मीडिया के सामने आने से परहेज कर रहे थे. लेकिन बरबीघा में कार्यक्रम कर जंग जीतने वाले अंदाज में मीडिया से रूबरू हुए. सवाल पूछा गया कि ललन सिंह से आपका विवाद हुआ है. अशोक चौधरी ने कहा, “ललन सिंह हमारे बड़े भाई है, हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. ललन सिंह का आदेश हमारे लिए सर्वोपरि है. ललन सिंह अगर हमको कहेंगे कि लेफ्ट जाओ तो मैं लेफ्ट जाऊंगा, ललन सिंह कहेंगे की राइट जाओ तो राइट जाऊंगा. मेरा कहीं कोई विवाद नहीं है. क्यों विवाद होगा, मेरा उनसे पारिवारिक संबंध है. मेरा क्यों विवाद होगा उनसे.”
अशोक चौधरी ने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो नहीं चाहते हैं कि मेरे और ललन सिंह में प्रेम बना रहे हैं. वही लोग बुद्धि लगाते रहते हैं. कुछ मीडिया वाले उन्हें सहयोग कर रहे हैं. ये सब मीडिया द्वारा फैलाया गया भ्रम है. मेरा ललन सिंह से कोई विवाद है ही नहीं.
पत्रकारों ने पूछा कि जब कोई विवाद नहीं है तो आपके कार्यक्रम में पार्टी का कोई नेता क्यों नहीं शामिल हुआ. स्थानीय विधायक, जेडीयू के जिलाध्यक्ष, पार्टी के दूसरे पदाधिकारी कहां थे. अशोक चौधरी के पास कोई जवाब नहीं था. पहले उन्होंने सफाई दी-शायद जिलाध्यक्ष की पत्नी की तबीयत खराब है इसलिए वे यहां नहीं है. वैसे किसी के आने की जरूरत क्या है. मैं तो खुद यहीं का हूं. मेरे लिए यहां के नेता क्यों आयेंगे.