जातीय जनगणना के विरोध में उतरे डॉ. सीपी ठाकुर, बोले.. बेहतर होगा कानून व्यवस्था और शिक्षा पर ध्यान दे नीतीश सरकार

जातीय जनगणना के विरोध में उतरे डॉ. सीपी ठाकुर, बोले.. बेहतर होगा कानून व्यवस्था और शिक्षा पर ध्यान दे नीतीश सरकार

PATNA : बिहार बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व सांसद डॉ. सीपी ठाकुर ने जातीय जनगणना को बेकार की बात करार दिया है क्योंकि सीपी ठाकुर ने कहा है कि जातीय जनगणना से कुछ भी फायदा नहीं होने वाला, जो लोग भी जातीय जनगणना का राग अलाप रहे हैं उनको नहीं मालूम कि समाज में इससे और भेदभाव बढ़ेगा. जातिवाद बिहार में आज खत्म हो रहा है. एक जाति के व्यक्ति की शादी दूसरे जाति में हो रही है. डॉ. ठाकुर ने कहा कि इससे कोई फायदा नहीं होने वाला.


डॉ. सीपी ठाकुर ने कहा है कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने बिहार के नेताओं ने जाकर जो गुहार लगाई है वह बेकार की बात है. इससे बेहतर होता कि बिहार में गरीबों की मदद के लिए कोई कार्ययोजना बनाकर लोग केंद्र सरकार के सामने मिलते.


डॉ. सीपी ठाकुर ने कहा है कि अगर जनगणना में जरूरी समझा जाए तो आर्थिक आधार पर आंकड़े लिए जाएं. अमीरी और गरीबी के आधार पर जनगणना हो तो बेहतर होगा. जातीय जनगणना समाज को बांटने की साजिश है. डॉ ठाकुर ने कहा कि अमीर और गरीब हर जाति में होते हैं. गरीब की कोई जाति नहीं होती. गरीब केवल गरीब होता है. आवश्यकता है कि देश में जाति नहीं बल्कि गरीबी के आधार पर जनगणना हो. डॉक्टर सीपी ठाकुर ने कहा कि बिहार सरकार को इन बातों में नहीं पड़ना चाहिए.


बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि बिहार सरकार को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति क्यों खराब हो रही है. बिहार में शिक्षा की स्थिति आज तक बेहतर क्यों नहीं हो पाई? क्यों बाहर जाकर बिहार के युवाओं को शिक्षा लेनी पड़ रही है? इन तमाम मसलों पर भी और ज्यादा काम करने की जरूरत है.


जातीय जनगणना के मसले पर नीतीश कुमार ने जो स्टैंड दिया है डॉ सीपी ठाकुर ने उस स्टैंड को आईना दिखा दिया है. डॉ ठाकुर ने कहा है कि जातीय जनगणना जैसे एजेंडे के साथ केवल समाज को बांटने की साजिश की जा सकती है.