जातीय गणना में नीतीश-तेजस्वी ने किया बड़ा खेल! चिराग बोले- राजनीतिक लाभ लेने के लिए आंकड़ों में की गई हेराफेरी; यादवों की संख्या बढ़ने पर भी उठाए सवाल

जातीय गणना में नीतीश-तेजस्वी ने किया बड़ा खेल! चिराग बोले- राजनीतिक लाभ लेने के लिए आंकड़ों में की गई हेराफेरी; यादवों की संख्या बढ़ने पर भी उठाए सवाल

PATNA: बिहार सरकार द्वारा जातीय गणना के आंकड़े सार्वजनिक करने के साथ ही इसको लेकर विवाद भी गहराने लगा है। एक तरफ जहां सरकार और सत्ताधारी दल अपनी पीठ थपथपा रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल आंकड़ों को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं और कहा कि सत्ताधारी दल राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से जातियों की संख्या में बड़ा खेल किया है। चिराग ने यादव जाति की बढ़ संख्या पर भी सवाल उठाया है।


चिराग पासवान ने ऑस्ट्रेलिया से वीडियो जारी कर कहा है कि बिहार सरकार ने जिस तरीके से जातीय गणना के आंकड़े सार्वजनिक किए हैं, वह राज्य सरकार की राजनीतिक महत्वकांझा को दर्शाता है। इसमें एक जाति विशेष के आंकड़े को बढ़ाकर दिखाया गया है जबकि कई ऐसी छोटी जातियां हैं जिनके आंकडों को कम कर के दिखाया गया है। इस जातीय गणना के जरिए राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की गई है। कई ऐसी अनुसूचित जाति जनजातियों या पिछड़ा अति पिछड़ा वर्ग की छोटी जातियां हैं जिनकी संख्या को कम करके दिखाने का प्रयास राजनीतिक महत्वकांक्षा को पूरा करने के उद्देश्य से किया गया है। 


चिराग ने कहा कि केवल पासवान जाति की ही बात करें तो राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से इस जाति के लोगों की संख्या को कम करके दर्शाया गया है। लोजपा रामविलास बिहार सरकार के जातीय गणना के आंकड़ों को पूरी तरह से नकारती है। चिराग ने सरकार से मांग की है कि जातीय गणना को फिर से कराया जाए। कई लोग इस बात शिकायत कर रहे हैं कि उनसे पूछा ही नहीं गया। ऐसे में इससे स्पष्ट हो रहा है कि आंकड़ों में पारदर्शिता नहीं है।


उन्होंने कहा कि बिहार की महागठबंधन की सरकार राजनीतिक लाभ के लिए जातीय गणना के आंकड़ों को पेश कर रही है। ऐसे में लोजपा रामविलास चाहती है कि सरकार फिर से जातीय गणना कराए और उसमें पूरी पारदर्शिता बरती जाए। ताकी जिस उद्देश्य से जातीय गणना कराई गई वह पूरा हो सके और लोगों को आंकड़ों की सही जानकारी सभी लोगों को मिल सके।