जनता दरबार में शख्स ने कहा... 2-3 इंच ढलाई करवाया मुखिया, बोलने पर मारपीट कर केस करता है, नीतीश ने कहा... केस कर देता है तो तुम भी केस कर दो

जनता दरबार में शख्स ने कहा... 2-3 इंच ढलाई करवाया मुखिया, बोलने पर मारपीट कर केस करता है, नीतीश ने कहा... केस कर देता है तो तुम भी केस कर दो

PATNA : जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में बिहार के सीएम नीतीश कुमार फरियादियों की शिकायत को सुन रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में फरियादी बिहार के विभिन्न जिलों से पटना पहुंचे हैं. बारी-बारी से शिकायतकर्ता सीएम से मुलाकात अपनी समस्याओं को उनके सामने रख रहे हैं. जनता दरबार में पहुंचे एक शख्स ने मुख्यमंत्री से मुखिया की करतूतों की शिकायत की.


मुख्यमंत्री से दबंग मुखिया की करतूत की शिकायत करने पहुंचे एक शख्स ने कहा कि "केतना काम हुआ है मुखिया द्वारा. दो इंच-तीन इंच ढलाई हुआ है. और बोलने पर हमको केस में फंसाया जाता है. नल जल का काम पूरा नहीं हुआ है. वार्ड सदस्य द्वारा झूठा मुकदमा कर के मुखिया के ससुर द्वारा हमलोगों को फंसाया जाता है. जितना काम 2016 से अब तक नरेगा का हुआ, जेसीबी से होता है. बोलने पर द्वार (घर के दरवाजे) पर चढ़कर पीटा जाता है." इसपर बीच में टोकते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि "मुखिया का तो चुनाव ही होने वाला है, जी."


सीएम की बात सुनकर फरियादी ने कहा कि "सर चुनाव तो होने वाला है. लेकिन 1 तारीख को ही फिर से केस कर के दो आदमी को भीतर डलवा दिया है." युवक की बात सुनकर मुख्यमंत्री ने उसे पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को भेजते हुए कहा कि "केस कर देता है तो आपको भी उसपर केस कर देना चाहिए न."


आपको बता दें कि जनता दरबार में मुख्‍यमंत्री से मिलने के लिए पहले से रजिस्‍ट्रेशन कराना और अप्‍वाइंटमेंट मिलना जरूरी है. इसके लिए संबंधित व्‍यक्ति को आनलाइन आवेदन देना होता है. बिहार के दूर दर्ज इलाकों से आने वाले लोगों के लिए पटना तक आने की व्‍यवस्‍था संबंधित जिला अधिकारी को करनी होती है. मुख्‍यमंत्री सुबह 10 बजे से आम लोगों की शिकायतें सुनते हैं. एक दिन में वे आम तौर पर 150 से 200 लोगों से ही रूबरू होते हैं. बताया जा रहा है कि यह सीमा कोविड संक्रमण को देखते हुए तय की गई है. 


जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सीएम नीतीश आज ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य, पंचायती राज, ऊर्जा, पथ निर्माण, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, कृषि, सहकारिता, पशु एवं मत्स्य संसाधन, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, उद्योग, गन्ना उद्योग, नगर विकास एवं आवास, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, परिवहन, आपदा प्रबंधन, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, योजना एवं विकास, पर्यटन, भवन निर्माण, सूचना एवं जनसंपर्क, वाणिज्यकर तथा सामान्य प्रशासन विभाग से जुड़ी शिकायतों को सुन रहे हैं.