PATNA: बिहार में 20 अगस्त से जमीन के सर्वे का काम चल रहा था। लेकिन तीन महीने के लिए नीतीश सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। सरकार के इस फैसले के बाद रैयतों में खुशी की लहर देखी जा रही है। क्योंकि लोग कागजात बनाने के लिए कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे। इसे लेकर लोग काफी परेशान थे। लोगों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने कागजात को दुरुस्त करने का समय दे दिया।
जमीन के मालिकों को तीन महीने का समय कागजात बनाने के लिए दिया गया है। अब तीन महीने के बाद ही फिर से बिहार में जमीन सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। फिलहाल उत्तर प्रदेश से विशेषज्ञों को बुलाया गया है। जो जमीन मालिकों की समस्या का समाधान करेंगे। खासकर कैथी लिपि से संबंधित जो समस्याएं सामने आई है उसे दूर करने का काम उत्तर प्रदेश से आए विशेषज्ञ करेंगे।
वही जमीन मालिकों को कागजात तैयार करने में आ रही परेशानी को दूर करने का निर्देश तमाम अंचलाधिकारी को भी दिया गया है। रैयतों को कागजात जुटाने के लिए तीन माह की जो मोहलत दी गयी उसमें सीओ जमीन मालिकों की समस्या को दूर करने की कोशिश करेंगे। जमीन मालिकों के कागजात को दुरुस्त करने में मदद करेंगे।
तीन माह की मोहलत वाली बात बिहार सरकार के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल ने पूर्णिया में शनिवार को दी थी। कहा था कि लोगों को जमीन का कागजात जुटाने में कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है। रैयतों को भारी परेशानी हो रही है। उनकी इस परेशानी को देखते हुए सरकार ने उन्हें तीन महीने का मोहलत दिया है। इस अवधि में वो अपने-अपने जमीन का कागजात तैयार कर ले जिससे जमीन का सर्वेक्षण करने में किसी तरह की समस्या ना हो। सरकार चाहती है कि जमीन का विवाद खत्म हो इसलिए बिहार में भूमि का सर्वे कराया जा रहा है।