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भारत के 3 राज्यों में 4 हजार से अधिक मामले, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ‘जो जहां है, वहीं रहें’

भारत के 3 राज्यों में 4 हजार से अधिक मामले, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ‘जो जहां है, वहीं रहें’

DELHI : कोरोना वायरस की चपेट में हिंदुस्तान के 32 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश आ चुके हैं. जिसमें से सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली है. इन तीनों राज्यों में तक़रीबन 4 हजार मामले सामने आ चुके हैं. जिसके कारण सरकार की चिंता पहले से ज्यादा बढ़ गई है. महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में  कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है.


महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु में कोरोना के मामले चार हजार से अधिक हो चुके हैं जिन्हें मिलाकर देश में संक्रमितों की कुल संख्या नौ हजार को पार कर गयी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सोमवार शाम जारी आंकड़ों के अनुसार देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 9352 हो गयी है. इसके कारण मरने वालों की संख्या 324 पर पहुंच गई है. अब तक 980 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.


सुप्रीम कोर्ट ने कहा-  ‘जो जहां है, वहीं रहें’
कोविड 19 को लेकर जारी पूर्णबंदी के कारण विदेश में फंसे भारतीयों को सोमवार को सलाह दी कि ‘जो जहां है, वहीं रहें’ शीर्ष अदालत ने विदेशों में फंसे भारतीयों को स्वदेश लाने पर केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया. मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एम. एम. शांतनागौदर की पीठ ने विदेश में रुके भारतीयों से अपील की कि वे जहां हैं फिलहाल वहीं रहें.


शीर्ष अदालत ने सात याचिकाओं की संयुक्त सुनवाई की, जिसमें ब्रिटेन, अमेरिका, ईरान और अन्य खाड़ी देशों में छात्रों, कामकाजी पेशेवरों, अकुशल श्रमिकों और मछुआरों एवम् भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने का अनुरोध किया है. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह भी कहा कि इस संकट के दौरान लोगों को भारत वापस लाना असंभव है और उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से पहले से दायर हलफनामे में इस रुख को दोहराया है.