BHOPAL: कांग्रेस से अनदेखी से ज्योतिरादित्य सिंधिया इतने दुखी थे कि जब वह गुड़गांव में कांग्रेस विधायकों से बात कर रहे थे तो उनको आंखों में आंसू आ गए. सिंधिया ने मंत्री इमरती देवी समेत कई मंत्रियों और विधायकों से पूछा कि क्या आपलोग कांग्रेस से इस्तीफा दे सकते हैं. इतना सुनते ही मंत्री और विधायकों ने कहा कि आपका आदेश होगा तो जान दे देंगे. इनता सुनते ही होटल में सिंधिया रोने लगे.
अचानक विधायकों को बुलाया गया
मंत्री पद और पार्टी से इस्तीफा देने के बाद इमरती देवी ने कई खुलासा किया है. इमरती ने कहा कि मैं तो होली में मायके गई थी, लेकिन अचानक कॉल कर ग्वालियर बुलाया गया है. मैंने पूछा कि क्या बात है तो बताया गया कि यह महाराज का आदेश है. जिसके बाद वह बिना देर किए हुए ग्वालियर पहुंची. महाराज के समर्थक सभी विधायकों को कॉल कर उनको भी ग्वालियर बुलाया गया था. इसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं था.
बिना बताए भेजा गया दिल्ली
इमरती देवी ने कहा कि ग्वालियर से जाने के बाद सभी विधायकों से कहा गया है कि किसी जरूरी काम से दिल्ली चलना है. सभी गुड़गांव पहुंचे तो होटल में सिंधिया आए उनके साथ कुछ बीजेपी के नेता भी थे. बीजेपी नेता बाहर निकल गए और सिंधिया विधायकों से बात करने लगे. सभी विधायकों से अपने फैसले के बारे में बात की और विधायकों से पूछा कि क्या आपलोग इस्तीफा देंगे. इस बात पर सभी विधायकों ने सहमति दे दी. विधायकों का भरोसा देख सिंधिया फूट-फूटकर रोने लगे. सभी विधायकों ने कहा कि आप भरोसा रखिए. हम सभी लोग आपके इस फैसले के साथ हैं. फिर दिल्ली से सभी को बेंगलुरू भेज दिया गया है. महाराज ने कहा कि जब हम बोलेंगे तो तभी आपलोग बेंगलुरू से भोपाल पहुंचे. सिंधिया के इस्तीफा देते ही सभी मंत्री और विधायकों ने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया.