सुशील मोदी बोले- ओवैसी की राजनीति पर लगेगी लगाम, AIMIM का दुस्साहस बढ गया था

सुशील मोदी बोले- ओवैसी की राजनीति पर लगेगी लगाम, AIMIM का दुस्साहस बढ गया था

PATNA :  ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भाजपा की शानदार सफलता से गदगद बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के ऊपर हमला बोला है. सुशील मोदी ने ओवैसी की पार्टी पर धार्मिक कट्टरता, अलगाववाद और निजामियत को बढ़ावा देने वाले राजनीति करने का आरोप लगाया है.


पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के चुनाव में भाजपा की शानदार सफलता से देश की साइबर सिटी में धार्मिक कट्टरता, अलगाववाद और निजामियत को बढावा देने वाले ओवैसी की राजनीति पर लगाम लगेगी. 


सुशील मोदी ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में सिर्फ पांच विधानसभा सीट जीतने के बाद जिस एआईएमआईएम का दुस्साहस इतना बढ गया था कि उसके एक विधायक को हिंदुस्तान के नाम पर आपत्ति हो रही थी, उसे उसके गढ में चुनौती देने का साहस केवल भाजपा दिखा सकी. हैदराबाद विजय से तेलंगाना सहित कई दक्षिणी राज्यों में पार्टी का जनाधार बढेगा. इसके लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई. 


आपको बता दें कि दरअसल सुशील कुमार मोदी ने उस बात की चर्चा की है, जो एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान ने शपथ लेने के दौरान किया था. एआईएमआईएम विधायक अख्तरुल ईमान ने शपथ लेने के दौरान हिंदुस्तान शब्द पर आपत्ति जताई थी. उन्होंने  सदन में हिंदुस्तान की जगह भारत शब्द का इस्तेमाल करने को कहा था. 


दरअसल सदस्यता ग्रहण के क्रम में अख्तरुल ईमान का नाम जैसे ही सदस्यता की शपथ के लिए पुकारा गया वैसे ही उन्होंने खड़े होकर हिंदुस्तान शब्द पर आपत्ति जता दी. अख्तरुल ईमान ने उर्दू में शपथ लेने की इच्छा जाहिर की लेकिन चूंकि उर्दू में भारत की जगह हिंदुस्तान शब्द के इस्तेमाल पर उन्होंने आपत्ति जताते हुए प्रोटेम स्पीकर से भारत शब्द का इस्तेमाल करने की गुजारिश की थी. 


विधायक अख्तरुल ईमान ने कहा कि हिंदी भाषा में भारत के संविधान की शपथ ली जाती है. मैथिली में भी हिन्दुस्तान की जगह भारत शब्द का ही इस्तेमाल किया जाता है लेकिन उर्दू में शपथ लेने के लिए जो पत्र मुहैया कराया गया है उसमें भारत की जगह हिंदुस्तान शब्द का इस्तेमाल किया गया है. विधायक ने कहा कि वह भारत के संविधान की शपथ लेना चाहते हैं ना कि हिंदुस्तान की संविधान की.