PATNA : बिहार में हड़ताली नियोजित शिक्षकों ने इसबार होली नहीं मानाने का निर्णय लिया है. लेकिन 9 मार्च से लेकर 11 मार्च तक नियोजित शिक्षक धरना पर भी नहीं बैठेंगे. नियोजित शिक्षकों ने होली के दिन मंत्री, विधायक और सांसदों के आवास का घेराव करने का फैसला किया है. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव मंडल ने यह बड़ा निर्णय लिया है.
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति का धरना 22 दिनों से लगातार जारी है. शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय और महासचिव शतुघ्न प्रसाद सिंह ने संयुक्त बयान में कहा कि 14 मार्च को जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से दंडात्मक कार्रवाई वपस लेने का दबाव डालेंगे. होली के बाद घराना जारी रहेगा. प्रखण्ड के प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के हड़ताली शिक्षकों ने होली पर्व नहीं मनाने का निर्णय लिया है. प्रखण्ड शिक्षक सयुंक्त संघर्ष समन्वय समिति के संयोजक चंदन कुमार एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव विजय कुमार ने अलग-अलग विज्ञप्ति जारी कर बताया है. नीतीश सरकार की शिक्षा, शिक्षक एवं शिक्षार्थी विरोधी नीति के खिलाफ लोगों की चेतना को जाग्रत करने के लिए शिक्षकों ने यह निर्णय लिया है.
शिक्षकों के परिवार में भी होली को लेकर कोई उमंग नहीं है. बिहार सरकार की दमनात्मक नीतियों के विरोध में 9 मार्च होलिका दहन को जिले के सभी प्रखंड मुख्यालय पर मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं अपर सचिव शिक्षा विभाग का पुतला दहन किया जायेगा. टीईटी-एसटीईटी उतीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष मार्कण्डेय पाठक और प्रदेश प्रवक्ता अश्विनी पाण्डेय ने कहा कि शिक्षक अपनी संवैधानिक मांगों को लेकर पिछले 20 दिन से हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार के द्वारा शिक्षको के मांग पर सकारात्मक पहल नही करने से शिक्षकों में आक्रोश है. उन्होनें कहा कि सरकार के द्वारा लगातार हड़ताली शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है, शिक्षक 17 फरवरी से हड़ताल पर हैं परंतु हड़ताली शिक्षकों का जनवरी माह का भी वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया है जो कि सीधा सीधा मानवाधिकार का उल्लंघन है.