PATNA: पांच दिवसीय हनुमंत कथा का आज समापन हो गया। कार्यक्रम के समापन के बाद बागेश्वर धाम वाले बाबा आचार्य धीरेंद्र शास्त्री आज शाम नौबतपुर से सीधे पटना एयरपोर्ट पहुंचे। जहां चार्टर्ड प्लेन से बाबा पटना एयरपोर्ट से खजुराहो के लिए रवाना हो गये। बाबा बागेश्वर ने इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बताया। कहा कि लाखों की संख्या में हनुमंत कथा सुनने आए श्रद्धालुओं ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया।
बता दें कि आज हनुमंत कथा का अंतिम दिन है। हनुमंत कथा का आज समापन हो गया है। इस दौरान श्रद्धालुओं से विदा लेते हुए बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने एक शायरी सुनाते हुए बोले..सीतारों को आंखों में महफूज रखना..क्योंकि बहुत देर तक रात ही रात होगी..मुसाफिर हो तुम भी मुसाफिर हैं हम भी..बाला जी ने चाहां तो किसी मोड़ पर फिर मुलाकात होगी।
हनुमंत कथा के समापन के मौके पर बाबा बागेश्वर ने श्रद्धालुओं से कहा कि हंसा करो हंसाया करो बागेश्वर धाम अपने बाप का घर है आया जाया करो...उन्होंने कहा कि नौबतपुर के पागलों करो तैयारी फिर से आएंगे मुगदरधारी..महाराज जी आज्ञा लगेगी तब फिर नौबतपुर के तरेत मठ में फिर राम कथा सुनाएंगे। बाबा ने इस दौरान श्रद्धालुओं को सुनाया जीएम होईए ओइके ऊपर डीएम होईए..ए ललना हिंद के सिपाही सीएम होईए..ओहसे ऊपर पीएम होईए हो...
वही उन्होंने कहा कि कोई भी हमारा विरोध करे तो कोई प्रतिक्रिया नहीं देना किसी तरह का जवाब नहीं देना। उन्होंने इस दौरान पटना पुलिस की तारीफ की कहा कि यहां की पुलिस धन्य है पूरी मेहनत लगाकर इस आयोजन को सफल बनाया है भले पुलिस बलों की संख्या कम थी। हनुमंत कथा के दौरान बाबा बागेश्वर ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा था कि जब तक हमारे शरीर में प्राण है हम बिहार आते रहेंगे।
बता दें कि अब एक बार फिर 29 सिंतबर को बागेश्वर वाले बाबा धीरेंद्र शास्त्री बिहार के गया जिले आएंगे। गया में अब उनका दरबार सजेगा। गया में पितृपक्ष मेले के दौरान बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का कार्यक्रम होगा। इसकी घोषणा खुद बाबा बागेश्वर ने नौबतपुर तरेत मठ से किया है। बाबा बागेश्वर ने कहा कि बिहार के पागलों शेरे दिल जिन्दगी जीना..कायरों की जिन्दगी मत जीना। हमसे लोग जब कहते हैं कि बाबा आपका इतना विरोध होता है आपकों डर नहीं लगता तब हम कहते हैं कि हम शेर के बच्चे हैं हम डरते वाले नहीं है।
गौरतलब है कि पटना के नौबतपुर स्थित तरेत पाली गांव में आयोजित हनुमत कथा का आज पांचवां और आखिरी दिन है। 13 से 17 मई तक आयोजित इस हनुमंत कथा में बिहार के अलावा दूसरे राज्यों के भी लाखों श्रद्धालु पहुंचे थे। इस दौरान बाबा ने नौबतपुर में अपना दिव्य दरबार में भी लगाया और लोगों की समस्या का निपटारा किया। इतना ही नहीं बाबा अपने निवास स्थान पर भी वीआईपी और अन्य लोगों के लिए अलग से देर रात दरबार लगाया। इस दौरान अक्षरा सिंह भी बाबा के सामने अपनी अर्जी लगाई।
वहीं, लोगों की असीम श्रद्धा को देखते हुए बाबा बागेश्वर ने मंच से ऐलान किया था कि वह जल्द ही वापस बिहार आएंगे और फिर से लोगों की पर्ची खोलेंगे। पंडित धर्मेंद्र शास्त्री ने बताया था कि उनका अगला दरबार गया में लगने वाला है। उन्होंने कहा था कि 29 सितंबर को गया में वह दिव्य दरबार लगाएंगे। इससे पहले मंगलवार की रात 11 बजे फर्स्ट बिहार की टीम पनाश होटल पहुंच गई। होटल के बाहर भारी भीड़ जमा थी। रात 10 बजे तक शांत हो जाने वाली सड़क लग्जरी गाड़ियों से पटी थी। डिवाइडर से लेकर सड़क पर लोगों की भारी भीड़ जमा थी। होटल के गेट पर तो इतनी भीड़ थी कि वहां पैर रखना मुश्किल था।
आपको बताते चलें कि बाबा बागेश्वर के बिहार आगमन को लेकर काफी सियासत तेज हुई थी। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कहा था कि वह किसी बाबा को नहीं जानते हैं। वहीं राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने वाह बागेश्वर को मदारी करार दे दिया था। इसके साथ ही साथ सीएम नीतीश कुमार ने भी यह स्पष्ट कर दिया कि देश संविधान से चलेगा और इस संविधान में कहीं भी हिंदू राष्ट्र की कोई परिकल्पना नहीं रखी गई है। ऐसे बयानों के बीच बागेश्वर वाले बाबा ने अपना दरबार सजाया और श्रद्धालुओं को हनुमंत कथा सुनाया। हनुमंत कथा को सुनने के लिए लाखों की भीड़ में श्रद्धालु भी तरेत मठ पहुंचे। लोगों की श्रद्धा भक्ति देखते ही बन रही थी। अब श्रद्धालुओं की भीड़ 29 सितंबर को गया में उमड़ेगी। इस दिन का सभी को बेसब्री से इंतजार है। श्रद्धालुओं ने इस दौरान हाथ जोड़कर बागेश्वर बाबा का अभिवादन किया और सीता राम के नारे लगाए।