PATNA : गोपालगंज में एक ठेकेदार को जिंदा जलाकर मार दिए जाने के मामले ने लोगों को स्तब्ध कर दिया था। ठेकेदार को जिंदा जलाने का आरोप चीफ इंजीनियर और उसकी पत्नी सहित अन्य सहयोगियों पर लगा। 28 अगस्त 2019 को तत्कालीन चीफ इंजीनियर के आवास पर ठेकेदार रामाशंकर सिंह की हत्या हुई थी लेकिन इस घटना के 6 महीने बाद भी आरोपी पूर्व चीफ इंजीनियर मुरलीधर सिंह के साथ-साथ अन्य आरोपी पुलिस की पकड़ में नहीं आ सके हैं। आरोपियों की तलाश में पुलिस की मुस्तैदी को इस बात से समझा जा सकता है कि घटना के 6 महीने पूरे होने को है लेकिन पूर्व चीफ इंजीनियर मुरलीधर सिंह का पुलिस कुछ भी नहीं कर सकी।
ठेकेदार को जिंदा जलाने वाले पूर्व चीफ इंजीनियर मुरलीधर सिंह के खिलाफ अब आर्थिक अपराध इकाई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया है। मुरलीधर सिंह पर आय के स्रोत से तकरीबन एक करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। घटना के बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने तकरीबन 4 महीने पहले जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर मुरलीधर के ठिकानों पर छापेमारी की थी। गोपालगंज से लेकर पटना के आरा गार्डन तक इंजीनियर के ठिकानों पर तलाशी में संपत्ति से जुड़े कागजात मिले थे। जिनके आधार पर अब मामला दर्ज किया गया है।
आय से अधिक संपत्ति के मामलों में जहां मुरलीधर सिंह के खिलाफ और आरोपियों के साथ पुलिस की पहुंच से दूर है। मुरलीधर सिंह ने अपनी काली कमाई का सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट रियल एस्टेट सेक्टर में किया था। ठेकेदार रामाशंकर सिंह से मुरलीधर सिंह ने 15 लाख की रकम घूस में मांगी थी और नहीं देने पर ठेकेदार को जिंदा जलाकर मार डालने का आरोप पूर्व चीफ इंजीनियर पर लगा है।