PATNA: मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को तैयारी के दौरान क्या करें क्या न करें? किस तरीके से तैयारी करें? इस तरह के अनेकों प्रश्न परेशान करते रहते हैं। सही समय पर सही दिशा निर्देश और उनके मन में उठ रहे प्रश्नों का उचित उत्तर देकर उनके कठिन रास्ते को सुगम बनाया जा सकता है। छात्रों के इन्हीं समस्याओं के समाधान के लिए गोल इंस्टीट्यूट द्वारा पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में सेमिनार का आयोजन किया गया। दो सिफ्ट में आयोजित इस सेमिनार में हजारों छात्रों ने भाग लिया। छात्रों को दिशा निर्देश देने के लिए एम्स पटना से आशीश कुमार, पप्पू कुमार, PMCH, पटना से अंकिता कुमारी, लवली रॉय, आकांक्षा, साक्षी एवं शिवानी आए थे, जिन्होनें अपने तैयारी के दौरान के अपने अनुभवों को छात्रों के साथ साझा किया।
छात्रों को संबोधित करते हुए गोल इंस्टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर विपिन सिंह ने कहा कि अगर छात्र प्रत्येक दिन, प्रत्येक सप्ताह और प्रत्येक महीने का लक्ष्य निर्धारण कर प्रत्येक दिन अपने लक्ष्य को पाने की कोशिश करें तो मेडिकल के कॉम्पीटीशन में सफलता प्राप्त करना मुश्किल नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने छात्रों के साथ कुछ महत्वपूर्ण तथ्य भी साझा किए।
उन्होंने छात्रों को टिप्स देते हुए बताया कि वे एन.सी.ई.आर.टी. की पुस्तकों से तैयारी करें। तैयारी के दौरान छात्र कम और सही पुस्तकों का चयन करें। रिजल्ट ऑरिएण्टेड इन्स्टीट्यूट के मार्गदर्शन से तैयारी के रास्ते आसान होंगे। इसके साथ ही छात्र ऑब्जेक्टिव प्रश्नों का अभ्यास करें और टेस्ट के द्वारा अपने तैयारी के लेवल का जांच करें। इसके साथ ही हमेशा कूल और कॉन्फीडेन्ट रहें क्योंकि तैयारी के दौरान सकारात्मक सोच जरूरी है।
गोल इंस्टीट्यूट के असिस्टेंट डायरेक्टर रंजय सिंह ने टाइम मैनेजमेंट के महत्व को समझाते हुए कहा कि प्रकृति ने सभी छात्रों को दिन रात मिलाकर 24 घंटे का बराबर समय दिया है। इसी समय से जो छात्र ज्यादा समय इस्तेमाल कर लेते हैं वे सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंच जाते हैं। छात्रों के बीच आनंद वत्स ने भी अपने महत्वपूर्ण अनुभवों को साझा किया और बताया कि गोल इंस्टीट्यूट छात्रों को सफलता दिलाने के लिए हर संभव मदद करने को प्रतिबद्ध है।