PATNA: NEET में किस तरह से सफलता हासिल की जा सकती है। इसे लेकर गोल इन्स्टीट्यूट ने छात्र-छात्राओं को सफलता का मंत्र दिया। पटना के कालीदास रंगालय में इस संस्थान ने एक सेमिनार का आयोजन किया। जिसमें हजारों की संख्या में छात्र-छात्राएं शामिल हुए। इस मौके पर उन्हें नीट की तैयारियों के संबंध में कई दिशा निर्देश दिए गये। सेमिनार में शामिल छात्र-छात्राओं को गोल इन्स्टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर विपिन सिंह ने कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारी दी।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के दौरान छात्रों को पढ़ाई एवं कॉम्पीटीशन के लिए तैयारी में लम्बे समय तक परेशानियां होती रही। जिसमें छात्र शिक्षकों से दूर घर से ही पढ़ाई को मजबूर हो गये थे। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद तैयारी की शुरूआत कर रहे छात्रों के आगे कई प्रश्न उन्हें परेशान कर रहें हैं। जैसे कठिन प्रतियोगिता परीक्षाओं में से एक नीट की तैयारी कैसे करें? लम्बे अर्से से छुटे हुए पढ़ाई एवं सिलेबस को बचे हुए कम समय में कैसे पूरा करें? एवं आने वाले वर्षों में नीट के नए पैटर्न को जानकर सही प्लानिंग के साथ कैसे तैयारी करें?
छात्रों के इन्हीं सारी समस्याओं को ध्यान में रखते हुए गोल संस्थान द्वारा पटना के कालिदास रंगालय में सेमीनार आयोजित किया गया। सुबह और शाम को अलग-अलग सेशन में आयोजित इस सेमीनार के क्रमशः बारहवीं पास और 10 वीं पास मेडिकल की तैयारी कर रहे हजारों छात्रों ने भाग लिया।
सेमिनार में छात्रों को मार्गदर्शित करते हुए गोल के असिस्टेंट डायरेक्टर रंजय सिंह ने कहा कि छात्रों को कॉम्पीटीशन के नए प्रारूप के अनुसार तैयारी करना आवश्यक है। छात्र इस बात का ख्याल रखें कि अपने जीवन में बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए खुद को अनुशासित और संयमित रखते हुए अपने छोटी-छोटी खुशियों को छोड़ते हुए सही दिशा में आगे बढ़े। एक समय अंतराल पर बड़ी खुशी आपका इन्तजार कर रही होगा। सेमिनार के छात्रों को संबोधित करते हुए गोल इन्स्टीट्यूट के मैनेजिंग डायरेक्टर विपिन सिंह ने कहा कि छात्र नीट में सफलता पाने के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें।
• समय का प्रबंधन करते हुए प्रतिदिन 10 घंटे या ज्यादा की पढ़ाई करें।
• पॉजिटिव सोच एवं आत्म विश्वास के साथ प्रयास करें।
• एन॰ सी॰ ई॰ आर॰ टी॰ की पुस्तक को तैयारी के मुख्य केन्द्र में रखें।
• प्रत्येक चैप्टर के प्रश्नों से अभ्यास करें
• डाउट्स प्रश्नों के लिए शिक्षक एवं डिस्कशन का मदद लें।
• सही समय अंतराल पर बार-बार रिविजन करें।
• टेस्ट के माध्यम से अपने गलतियों को जानें एवं लगातार उसे सुधारने की कोशिश करें।
• सही एवं जानकार व्यक्ति की निगरानी में सही दिशा निर्देश को फॉलों करें।
सेमिनार का संचालन गोल इन्स्टीट्यूट के आनंद वत्स ने किया। जिसमें गोल के निकेत वर्धन, दिनेश सिंह, नीरज मिश्रा सहित कई गणमान्य सदस्य मौजूद रहे।